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केदारनाथ हेली सेवा का किराया 5 फीसदी बढ़ा, जानें कैसे बुक होगा टिकट

केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी से हेलीकॉप्टर सेवा संचालित होती है. तीनों ही जगह से किराया बढ़ाया जाएगा.

केदारनाथ धाम तक पहुंचाने के लिए हेली सेवा एक महत्वपूर्ण साधन है. करीब 14 से 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई होने के कारण बड़ी संख्या में लोग हेलीकॉप्टर से ही बाबा केदार के धाम पहुंचते हैं. लेकिन कई बार इस यात्रा को लेकर बाबा के भक्तों को साइबर क्राइम का भी शिकार होना पड़ जाता है. श्रद्धालुओं के साथ होने वाली इस साइबर ठगी को रोकने के लिए अभी से ही तैयारी की जाने लगी है. हालांकि इसको लेकर पहले ही कई बड़े बदलाव किए जा चुके हैं, लेकिन इसमें इस साल भी सुरक्षा और लोगों को सुविधाजनक सफर देने के लिए कुछ बड़े कदम उठाए जा रहे हैं.

हवाई सेवा में ये होगा बदलाव-

  • IRCTC की हेली यात्रा वेबसाइट से ही हो सकेंगे टिकट बुक
  • एक ID से केवल 6 टिकट ही किये जा सकते हैं बुक
  • टिकट पर होता है बार कोड, जिसके कारण टिकट धारक ही कर सकेगा यात्रा
  • टिकट की संख्या के लिहाज से 10 गुना ज्यादा होती है टिकट की डिमांड
  • इस बार 09 हेली ऑपरेटर देंगे सेवाएं, पिछली बार 08 हेली ऑपरेटर ने दी थी सेवा
  • इस साल 5 प्रतिशत हेली सेवा के किराए में होगी बढ़ोत्तरी
  • यूकाडा का पिछले साल 20 प्रतिशत बढ़ा था राज्य में रेवेन्यू
  • एक समय में 6 हेलीकॉप्टर केदार वेली में कर सकते हैं फ्लाई
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यूकाडा ने इस बार हेली ऑपरेटर से सुरक्षा को और भी ज्यादा बेहतर करने और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रयास किये हैं. ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती श्रद्धालुओं के साथ होने वाली साइबर अपराध को रोकने की है. खास बात यह भी है कि इस बार 5% ज्यादा किराया श्रद्धालुओं को केदारनाथ धाम तक हेली सेवा के जरिए जाने के लिए देना होगा. केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी से हेलीकॉप्टर सेवा संचालित होती है. तीनों ही जगह से किराया बढ़ाया जाएगा. दरअसल चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों की संख्या बेहद ज्यादा रहती है. इस दौरान हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग करने की इच्छा रखने वालों की संख्या भी हजारों में होती है. जबकि हेलीकॉप्टर सीमित संख्या में ही यात्रियों को केदारनाथ तक ले जाने में सक्षम हैं. ऐसे में डिमांड ज्यादा और व्यवस्थाएं कम होने के कारण कई बार श्रद्धालुओं को ऑनलाइन कई गुना ज्यादा में टिकट खरीदना पड़ता है और वह साइबर क्राइम के शिकार हो जाते हैं. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए संबंधित एजेंसी कड़े नियमों के जरिए ऐसे लोगों पर निगाह रख रही है, और पिछले साल कुछ लोगों की इस मामले में गिरफ्तारियां भी की गई थी.

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