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उत्तराखंड निकाय चुनाव: मतदान प्रतिशत में वृद्धि, शांतिपूर्ण मतदान की कोशिशों के बावजूद हंगामा और विवाद

मतदान प्रतिशत में रुद्रप्रयाग और हरिद्वार सबसे आगे, रुद्रप्रयाग में 62.72% और हरिद्वार में 60.85% मतदान

उत्तराखंड के निकाय चुनाव में मतदान का प्रतिशत धीरे-धीरे बढ़ता गया, हालांकि कुछ इलाकों में विवाद और हंगामे की घटनाएँ भी सामने आईं। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, और यह प्रयास सफल होते दिखाई दिए, जब शाम तक मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई।

मुख्य मतदान केंद्रों में नगरपालिका सितारगंज, नगर पंचायत शक्तिगढ़ और नगर पंचायत नानकमत्ता में मतदान का आंकड़ा इस प्रकार रहा:

  • सितारगंज (कुल मतदाता 32,024):
    • 10 बजे तक मतदान: 13%
    • 12 बजे तक मतदान: 27.61%
    • 2 बजे तक मतदान: 44.70%
    • 4 बजे तक मतदान: 59.31%
    • अंतिम मतदान प्रतिशत: 59.31%
  • शक्तिगढ़ (कुल मतदाता 6,658):
    • 10 बजे तक मतदान: 13.22%
    • 12 बजे तक मतदान: 30.84%
    • 2 बजे तक मतदान: 48.84%
    • 4 बजे तक मतदान: 66.87%
    • अंतिम मतदान प्रतिशत: 80.96%
  • नानकमत्ता (कुल मतदाता 6,904):
    • 10 बजे तक मतदान: 18.96%
    • 12 बजे तक मतदान: 40.22%
    • 2 बजे तक मतदान: 58.07%
    • 4 बजे तक मतदान: 72.02%
    • अंतिम मतदान प्रतिशत: 78.33%

उत्तराखंड के कई अन्य क्षेत्रों में भी मतदान का प्रतिशत बढ़ा, जिनमें रुद्रप्रयाग और हरिद्वार सबसे आगे रहे। रुद्रप्रयाग में 62.72% और हरिद्वार में 60.85% मतदाताओं ने मतदान किया।

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हालांकि, कुछ स्थानों पर विवाद भी सामने आए। बड़कोट के वार्ड नंबर 4 में भाजपा और निर्दलीय प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच झड़प और नारेबाजी हुई। मतदान केंद्रों पर हुई इस धक्का-मुक्की ने चुनाव प्रक्रिया में खलल डाला, लेकिन स्थिति जल्द ही सामान्य हो गई।

उत्तराखंड में शाम 4 बजे तक औसतन 56.81% मतदान हुआ। देहरादून के केसर वाला क्षेत्र में मतदाताओं द्वारा चुनाव का बहिष्कार किया गया था, लेकिन बाद में अन्य इलाकों में मतदान प्रतिशत बढ़ता गया।

नगर पालिका और पंचायतों में मतदान प्रतिशत:

  • बागेश्वर नगर पालिका: 54.18%
  • कपकोट नगर पंचायत: 65.70%
  • गरुड़ नगर पंचायत: 66.37%

राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई जब कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का नाम वोटर लिस्ट से गायब पाया गया। रावत ने आरोप लगाया कि उनके नाम को जानबूझकर हटाया गया है, जबकि उन्होंने हमेशा अन्य चुनावों में मतदान किया था। कांग्रेस ने इसे बीजेपी द्वारा जानबूझकर की गई साजिश बताया और कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

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