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उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के बयान से राजनीति में हड़कंप, कहा चुनाव लड़ने को चाहिए ₹14 करोड़

गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि नैनीताल लोकसभा सीट में 14 विधानसभा सीट हैं. एक विधानसभा सीट में एक करोड़ भी खर्च करोगे तो 14 करोड़ रुपये चाहिए. कम भी खर्च करेंगे तो 7 करोड़ तब भी चाहिए.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल का एक बयान सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. अपने इस बयान में वह यह कहते नजर आ रहे हैं, कि चुनाव में आजकल पैसा बहुत लगता है, और उनके पास पैसा नहीं है. लिहाजा न वो दावेदारी कर सकते हैं, और ना चुनाव लड़ने की इच्छा जता सकते हैं. आपको बता दें की जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल से पूछा गया कि क्या आगामी लोकसभा चुनाव में वह नैनीताल संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे. तो इस पर उन्होंने कहा की उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं. नैनीताल सीट में चुनाव लड़ने के लिए करीब 14 करोड़ रुपये चाहिए. उनको पार्टी भी टिकट नहीं देगी. वहीं यह बयान चुनाव आयोग पर भी सवाल खड़ा कर रहा है. कुंजवाल बोले चुनाव में बहुत पैसा लगता है, यहां अल्मोड़ा में कांग्रेस की लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर हुई बैठक में पहुंचे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद सिंह कुंजवाल से जब उनके नैनीताल संसदीय सीट से चुनाव लड़ने के कयास को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के बहुत छोटे कार्यकर्ता हैं.

जितना भी समय उनको मिला, उन्होंने बहुत ईमानदारी के साथ काम किया. चुनाव में आजकल पैसा बहुत लगता है. इसलिए उन्होंने कहा मेरे पास पैसा नहीं है. ना मैं दावेदारी कर सकता हूं और ना चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर सकता हूं. पार्टी मुझे टिकट देगी भी नहीं. पार्टी को भी पैसे वाले चाहिए. ईमानदार आदमी हूं, चुनाव लड़ने की क्षमता नहीं है: गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि नैनीताल लोकसभा सीट में 14 विधानसभा सीट हैं. एक विधानसभा सीट में एक करोड़ भी खर्च करोगे तो 14 करोड़ रुपये चाहिए. कम भी खर्च करेंगे तो 7 करोड़ तब भी चाहिए. ये क्षमता मेरी नहीं है. मैंने खुद को ईमानदारी के साथ सीमित रखा है. आज के दिन भी उनके पास सिर्फ एक खाता है. उसमें ही उनकी पेंशन आती है. उससे ही वह अपना गुजारा कर रहे हैं. कुंजवाल का यह बयान चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहा है. हालांकि चुनाव आयोग हर चुनाव में चुनाव लड़ने वाले प्रत्यशियों के खर्च के लिए एक रकम तय करता है. लेकिन प्रत्याशी उससे कई गुना अधिक रकम खर्च करते हैं.

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