उत्तरकाशी के बाड़ाहाट क्षेत्र में भगवान दत्तात्रेय का मंदिर पिछले 72 साल से बंद है. मंदिर बंद होने की वजह से अब यह खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. न तो प्रशासन और न ही सामाजिक स्तर पर कोई इसकी सुध ले रहा है. जिला मुख्यालय के बाड़ाहाट क्षेत्र में भगवान दत्तात्रेय का अति प्राचीन मंदिर है. परशुराम मंदिर और अन्नपूर्णा मंदिर के बीच स्थित यह मंदिर लकड़ी, पत्थर और पठाल (स्लेटनुमा काले पत्थर) से बना हुआ है. मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर में दत्तात्रेय की अष्टधातु की मूर्ति हुआ करती थी, जो वर्ष 1972 के आसपास चोरी हो गई थी, तब से ही यह मंदिर बंद पड़ा है.
आपको बता दें की हिन्दू धर्म में दत्तात्रेय को भगवान विष्णु का छठां अवतार माना गया है, वहीं कई लोग इन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का एक रूप मानते हैं. आजन्म ब्रह्मचारी रहने के चलते इन्हे सर्वव्यापी कहा जाता है. ऐसा कहा गया है कि सच्चे मन से की गई इनकी आराधना कहीं निष्फल नहीं होती है, बल्कि शीघ्र फलदायी मानी जाती है. वहीं इस मामले में बताया गया कि लोगों द्वारा कई बार मंदिर को खुलवाने का आग्रह किया गया, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. बता दें कि उत्तरकाशी में 40 से भी अधिक प्राचीन मंदिर हैं लेकिन एकमात्र दत्तात्रेय मंदिर ही बंद पड़ा है. वहीं, मंदिर जीर्णोद्धार समिति के अध्यक्ष का कहना है की हम सबको दत्तात्रेय मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने शासन प्रशासन से मांग की है कि इसके लिए धन उपलब्ध कराया जाए.