उत्तराखंड

चश्मदीद ने बताई रामनगर हादसे की जुबानी, पहले पीछे हटे फिर दोबारा रपटे में डाल दी कार फिर हुआ ऐसा..

पर्यटकों को नहीं पता था कि उन्हें मौत बुला रही है पर नियति को यही मंजूर था तभी तो खतरे को सामने देखने के बाद भी पर्यटकों ने तेज बहाव वाले रपटे में एक बार पीछे आने के बाद दोबारा कार डाल दी।

हल्द्वानी: नैनीताल जिले के रामनगर ढेला गांव में गुरुवार सुबह पांच बजे के करीब पानी के तेज बहाव में एक अर्टिगा कार संख्या PB01C 6089 बह गई है। इसमें 10 लोग सवार थे। मरने वालों में छ: महिलाएं व तीन पुरुष शामिल हैं। एक युवती को बचा लिया गया है। ढेला नदी पर पुल नहीं बनने से अभी तक सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन शासन-प्रशासन ने अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया।

बृहस्पतिवार की रात सभी लोग एक रिजॉर्ट में रुके थे। वापस लौटते समय दर्दनाक हादसा हो गया। पर्यटकों को नहीं पता था कि उन्हें मौत बुला रही है पर नियति को यही मंजूर था तभी तो खतरे को सामने देखने के बाद भी पर्यटकों ने तेज बहाव वाले रपटे में एक बार पीछे आने के बाद दोबारा कार डाल दी। चश्मदीद ब्रह्मपाल ने कार सवार पर्यटकों को रोकने की बहुत कोशिश की थी। लेकिन वो लोग नहीं माने। जिसके बाद इतना बड़ा हादसा हो गया, जिसमें 9 लोगों की जान चली गई।

दर्दनाक हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों का यह कहना था कि अगर पर्यटकों ने उनकी सुन ली होती तो रपटा इनका काल नहीं बनता। प्रत्यक्षदर्शी अंकित करगेती ने बताया कि पानी का बहाव काफी तेज था तो पर्यटकों ने रपटे से पहले कार रोक दी थी। तभी एक इनोवा रपटे से पार हो गई। यह देखकर पर्यटकों ने भी अपनी कार तेज बहाव में आगे बढ़ा दी लेकिन फिर पीछे कर ली। कुछ देर बाद पर्यटक फिर कार को रपटे में डालने लगे तो सभी ग्रामीणों ने उन्हें रोका। पर्यटक नहीं माने और बिना सोचे-समझे कार को तेज बहाव में डाल दिया। तेज बहाव के बीच अचानक कार अनियंत्रित हो गई और पलट गई। तेज धारा के चलते पर्यटकों से भरी यह कार नदी में गिर गई।

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पुलिस की जांच में बता चला है कि इस हादसे में मरने वाले तीन पुरुष पंजाब के पटियाला शहर के बताए जा रहे हैं। वहीं अन्य लोगों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस जांच में जुटी हुई है। जिस कार में हादसा हुआ है, वह कार पंजाब के अमन नाम के व्यक्ति की बताई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वो शासन प्रशासन से कई बार नदी पर पुल बनाने की मांग कर चुके हैं लेकिन अभी तक पुल नहीं बना। नदी पर पुल नहीं बनने से हर साल कई जानें चली जाती हैं।

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