उत्तराखंडपौड़ी गढ़वाल

CDS Bipin Rawat death anniversary: जब जनरल विपिन रावत की दहाड़ सुन डर गया था पाकिस्तान

भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत की आज पुण्यतिथि है.

भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत की आज पुण्यतिथि है. 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर के नीलगिरी के जंगलों में भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में उनकी मौत हो गई थी. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत की भी मृत्यु हुई थी. जब ये खबर सामने आई तो पूरा देश शोक में डूब गया था. बिपिन रावत ऐसे योद्धा थे जिनके नाम से ही दुश्मन थर-थर कांपता था. जनरल रावत ऐसे जांबाज योद्धा थे, जिन्होंने कई दफा दुश्मनों की आंख में आंख डालकर देखा था. उनका जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक सैन्य परिवार में हुआ था. उनकी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा को देखकर आर्मी चीफ पद से रिटायर होने के बाद उन्हें देश का पहला सीडीएस बनाया गया था. जनरल रावत की दहाड़ सुनकर पाकिस्तान डर गया था.

ये बात है साल 2015 की, जब भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर कुछ आतंकियों का सफाया किया था. इसके बाद सेना ने 2016 में पीओके में घुसकर पाकिस्तान को जवाब दिया. जब इसका जवाब देने की बारी आई तो जनरल रावत ने दहाड़ते हुए कहा ‘यह वो भारत नहीं है, जो बस हमलों की निंदा करे, यह नया भारत है, जो हर भाषा जानता है, सम्मान की भी और बंदूक की भी’ जनरल रावत की इस दहाड़ को आज भी पाकिस्तानी मीडिया में दिखाया जाता है. इसके बाद लगातार आतंकियों में जनरल रावत का डर पैदा हो गया. जब तक वो आर्मी चीफ रहे तब तक सेना ने आतंक के खिलाफ कई मिशनों को अंजाम दिया. जनरल रावत ने कश्मीर में पत्थरबाजों को जबरदस्त जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि काश, ये लोग हम पर पत्थर की जगह गोलीबारी कर रहे होते, जो मैं ज्यादा खुश होता. तब कम से कम मैं वो कर पाता जो मैं करना चाहता हूं. उनके इस बयान का मतलब कट्टरपंथी समझ गए और कश्मीर में पत्थरबाजी कम हो गई.

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