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केदारनाथ धाम में दिखा हिमस्खलन का भयावह मंजर, भरभराकर गिरा बर्फ का पहाड़..मंदिर सुरक्षित

केदारनाथ के ऊपर पहाड़ियों पर फिर हिमस्खलन हुआ है. बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने जानकारी दी है कि हिमस्खलन से कोई नुकसान नहीं हुआ है.

केदारनाथ के पास हिमस्खलन की एक और  घटना सामने आई है. शुरुआती तौर पर बताया गया कि पहाड़ खिसकने से केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.  श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इसकी जानकारी दी. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, मंदिर के पास बर्फ का पहाड़ खिसकने का एक वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में देखा जा रहा है कि बर्फ का पहाड़ देखते ही देखते पूरी तरह ढह गया. बताया जा रहा है कि हिमखंड काफी बढ़ा था, जिससे बर्फ के धुएं का गुबार काफी दूर तक रहा. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि अभी स्थिति साफ नहीं हो पाई है. केदारनाथ में सबकुछ सामान्य है. मंदिर सहित आसपास के क्षेत्र में सब ठीक है. मंदाकिनी नदी का जलस्तर भी सामान्य है.

आपको बता दें कि केदारनाथ घाटी में बीते कुछ दिनों से मौसम काफी खराब है और तेज बारिश हो रही है. यह वही हिमालय की हिमाच्छादित झील है जो 2013 में उफान पर थी और आधुनिक समय में उत्तराखंड में सबसे विनाशकारी बाढ़ का कारण बनी थी. जून 2013 में, उत्तराखंड में असामान्य वर्षा हुई थी, जिससे चोराबाड़ी ग्लेशियर पिघल गया और मंदाकिनी नदी में जलस्तर विनाशकारी स्तर पर पहुंच गया. इस भयावह बाढ़ ने उत्तराखंड के बड़े हिस्से को प्रभावित किया था. बता दें की विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में 22 सितंबर की शाम करीब साढ़े 6 बजे चोराबाड़ी ग्लेशियर के कैचमेंट में एवलॉन्च आया था. हालांकि, तब भी कोई नुकसान नहीं हुआ था. शासन प्रशासन इसके बाद से एवलॉन्च को लेकर अलर्ट था. केदारनाथ मंदिर के पीछे करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर चोराबाड़ी ग्लेशियर स्थित है. वहीं एवलॉन्च आया था.

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