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उत्तराखंड: यहाँ लापरवाही पर SSP ने दरोगा समेत 3 सिपाहियों को सुनाई अनोखी सजा, हर तरफ हो रही चर्चा

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने एक दरोगा और दो सिपाहियों को अनोखी सजा दी है. जिसमें दारोगा समेत तीनों पुलिसकर्मियों को हरिद्वार के तीन शवदाह घाट पर दो दिन तक आठ-आठ घंटे ड्यूटी करनी होगी.

रुड़की में अंत्येष्टि के बाद गुमशुदगी दर्ज करने के चर्चित मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने एक दरोगा और दो सिपाहियों को अनोखी सजा दी है. जिसमें दारोगा समेत तीनों पुलिसकर्मियों को हरिद्वार के तीन शवदाह घाट पर दो दिन तक आठ-आठ घंटे ड्यूटी करनी होगी. ताकि ड्यूटी के साथ-साथ तीनों पुलिसकर्मी सामाजिक और मानवीय संवदेनाओं को महसूस कर सकें. आपको बता दें की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के रामनगर गली नंबर 11 निवासी मेडिकल स्टोर संचालक 50 वर्षीय हरीश चांदना 20 अक्तूबर को संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे. उनकी पत्नी ने उसी दिन गंगनहर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी. उसी रात पत्नी को कमरे में सुसाइड नोट मिला था. लेकिन, पुलिस ने उनकी गुमशुदगी दर्ज नहीं की थी. कारोबारी ने रहीमपुर फाटक के पास ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली थी. पुलिस उस समय कारोबारी के शव की शिनाख्त नहीं कर पाई थी. 

पुलिस ने लापरवाही दिखाते हुए कारोबारी हरीश चांदना के स्वजन को भी बुलाकर शव की शिनाख्त कराना जरूरी नहीं समझा था. पुलिस ने अज्ञात में शव का 72 घंटे बाद लावारिस में अंतिम संस्कार करा दिया था. इसके बाद 26 अक्टूबर को पुलिस ने कारोबारी की मौत के बाद उनकी गुमशुदगी दर्ज की थी. इसी बीच स्वजन ने 29 अक्टूबर को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में कपड़ों से कारोबारी के शव की शिनाख्त की थी.  पुलिस की यह लापरवाही सामने आने पर एसएसपी अजय सिंह ने मामले की जांच के निर्देश दिए थे. सीओ की जांच में गंगनहर कोतवाली के उप निरीक्षक नवीन सिंह तथा मुंशी चेतन तथा संतोष की लापरवाही सामने आई. इन्होंने शव की ना तो कारोबारी के स्वजन से शिनाख्त कराई और ना ही समय से गुमशुदगी दर्ज की. लापरवाही पर एसएसपी अजय सिंह ने उप निरीक्षक नवीन सिंह और मुंशी चेतन तथा संतोष की हरिद्वार के चंडीघाट, खड़खड़ी घाट तथा सती घाट स्थित शवदाह घाट पर सोमवार और मंगलवार को आठ-आठ घंटे की ड्यूटी लगाकर वहां की व्यवस्था देखने के निर्देश दिए हैं.

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