उत्तराखंडपौड़ी गढ़वाल

अंकिता भंडारी हत्या मामले में पटवारी वैभव प्रताप सस्पेंड, गुमशुदगी की खबर के बाद भी किसी को नहीं दी जानकारी

अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोताही बरतने और दूसरे को चार्ज थमाकर अवकाश पर गए पटवारी वैभव प्रताप को निलंबित कर दिया गया है.

Ankita Murder Case में पौड़ी के जिलाधिकारी ने बड़ी कार्रवाई की है. आपको बता दें की अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोताही बरतने और दूसरे को चार्ज थमाकर अवकाश पर गए पटवारी वैभव प्रताप को निलंबित कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि 19 सितंबर को अंकिता के पिता ने फोन पर बेटी की गुमशुदगी की सूचना वैभव प्रताप को दी थी. लेकिन वैभव गुमशुदगी की खबर लगते ही चार दिनों की छुट्टी पर चला गया. सामने आया कि पटवारी और आरोपी पुलकित आर्य के बीच दोस्ती थी. वैभव का वनंत्रा रिजॉर्ट में पहले से आना जाना था. करीब एक महीने पहले पटवारी वैभव प्रताप का कांडाखाल स्थानांतरण हुआ था.

तहसीलदार मनजीत सिंह गिल ने बताया कि आपदा काल को देखते हुए पटवारी वैभव को मौखिक आदेश पर रोका गया था. बताया जा रहा है कि वैभव अंकिता के पिता से भी ढंग से पेश नहीं आया था. आपको बता दें की मामले में शुरू से ही पटवारी की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे. लोग लगातार सरकार से पटवारी को हटाए जाने और इस पूरे मामले में पटवारी को लेकर भी जांच करने की मांग कर रहे थे. वहीं अब जिलाधिकारी ने यम्केश्वर ब्लॉक के पटवारी वैभव प्रताप सिंह को एसडीएम यम्केश्वर की जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. वैभव प्रताप सिंह पर एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में अंकिता के मामले में लापरवाही करने और आरोपियों से मिलीभगत करने का आरोप लगाया है और इस मामले को गंभीर बताया है. साथ ही इस मामले की जांच भी एसडीएम लैंसडाउन को सौंप दी है. साथ ही डीएम ने एसडीएम को तत्काल मामले की जांच कर रिपोर्ट तबल की है.

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड: चिकित्सा शिक्षा विभाग में नर्सिंग अफसरों के 1455 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अग्रिम आदेश तक की स्थगित
Back to top button