उत्तराखंडपौड़ी गढ़वाल

पौड़ी हादसे में मौत को मात देकर खाई से सुरक्षित निकली 2 साल की दिव्यांशी, 12 घंटे बाद मृत मां के सीने से मिली लिपटी

कुदरत का ऐसा करिश्मा भी हुआ, जिसमें 2 साल की बच्ची अपनी मृत मां से लिपटी हुई मिली. इतना ही नहीं ये 2 साल की बच्ची हादसा होने के पूरे 12 घंटे तक अपनी मृत मां के सीने से लिपटी रही

कौन कहता है कि चमत्कार नहीं होते. जी हां, ऐसी ही कुदरत और किस्मत का संयोग बीरोंखाल के सिमड़ी में हुए बस हादसे में देखने को मिला. यहां एक ओर 50 से अधिक बारातियों में 33 की मौत ही गयी. वहीं, कुदरत का ऐसा करिश्मा भी हुआ, जिसमें 2 साल की बच्ची अपनी मृत मां से लिपटी हुई मिली. इतना ही नहीं ये 2 साल की बच्ची हादसा होने के पूरे 12 घंटे तक अपनी मृत मां के सीने से लिपटी रही, जिसे देखकर सबकी आंखें फटी की फटी रह गयी. जहां मां की सांसों की डोर टूट गई, लेकिन उसने जिगर के टुकड़े को नहीं छोड़ा. यही कारण है कि भीषण सड़क हादसे के बाद भी मां के आंचल में मौत को मात देकर सुरक्षित दो साल की मासूम घर लौट आई है. जिसने भी इस मंजर को देखा वो इसे चमत्कार ही मान रहा है. बताया जा रहा है कि संदीप की बारात में उसके रिश्तेदार रसूलपुर कस्बे की गुड़िया देवी और उसकी दो साल की बेटी दिव्यांशी भी बस में सवार होकर गई थी. जिस समय यह दर्दनाक बस हादसा हुआ उस समय 2 साल की दिव्यांशी अपनी मां की गोद में ही थी. अचानक से बस अनियंत्रित होकर 300 मीटर गहरी खाई में जा गिरी. मगर इतनी गहरी खाई में गिरने के बाद भी गुड़िया देवी ने अपनी मासूम बेटी को अपने से अलग नहीं होने दिया. 

उसकी बेटी अंतिम समय में भी अपनी मां की गोद में लिपटी हुई मिली. हादसे में गुड़िया की तो मौत हो गई, लेकिन बेटी दिव्यांशी को बचा गई. दूल्हे की कार के चालक धर्मेंद्र उपाध्याय ने बताया कि शाम लगभग 6.00 बजे की घटना के बाद जब रेस्क्यू टीम ने गुड़िया को देखा तो उसकी तो मौत हो चुकी थी, लेकिन गोद में बैठी दिव्यांशी सुरक्षित थी. करीब 11 घंटे दिव्यांशी अपनी मां की गोद में सुरक्षित रहकर नया जीवन पा गई. बताया कि वह भी यह देखकर हैरान था कि बच्ची न केवल सही सलामत है और गोद से छिटककर भी कहीं और नहीं गिरी. वरना गोद से अलग होने पर भी उसके साथ कुछ हो सकता था. हादसे के बाद बच्ची अब अपने घर पर पहुंच चुकी है. जहां वह कुछ भी नहीं समझ पा रही और बार-बार केवल मां को ही याद कर रही, लेकिन उस मासूम को यह नहीं पता कि उसे बचाने वाली उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं है. आपको बता दें की  पौड़ी जिले के बीरोंखाल के सिमड़ी के पास बीती 4 अक्टूबर को हुए बस हादसे से पूरा उत्तराखंड गमगीन है. बारातियों से भरी बस के इस तरह से दुर्घटनाग्रस्त होने से सभी लोग दुखी हैं. बस में 45 से अधिक लोग सवार थे. करीब 300 मीटर गहरी खाई में गिर जाने से बस के 33 लोग अकाल ही काल के गाल में समा गए.

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