पीएम मोदी की डिजिटल इंडिया की मुहिम रंग ला रही है. कई सरकारी विभागों को कैशलेस करने के लिए व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं. इसी के साथ परिवहन विभाग भी अब डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था शुरू करने की तैयारी में है. जी हाँ अब रोडवेज यात्रियों को नई सुविधा दी जा रही है और इसका लाभ यात्रियों के साथ ही परिचालकों को भी मिलेगा. अब यात्री समस्त बसों में क्यूआर कोड स्कैन कर किराये का भुगतान कर सकते हैं. कैशलेश व्यवस्था के अंतर्गत रोडवेज मुख्यालय ने यूपीआइ व अन्य मोबाइल एप के जरिये क्यूआर कोड स्कैन कर किराया भुगतान की सुविधा शुरू कर दी है. बकायदा महाप्रबंधक दीपक जैन इसका आदेश जारी करते हुए बताया है, कि माह में जो परिचालक निर्धारित राशि क्यूआर कोड के जरिये एकत्रित कर लेंगे, उन्हें प्रोत्साहन भत्ता अलग से दिया जाएगा.
गौरतलब है कि विगत नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद रोडवेज प्रबंधन ने अपनी बसों में कैशलेश भुगतान की प्रक्रिया तो शुरू कर दी थी, लेकिन टिकट मशीन में क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए सुविधा नहीं थी. यात्री अपने मोबाइल नंबर से रोडवेज की ओर से दिए मोबाइल नंबर पर किराये का भुगतान करते थे. अब बसों में यूपीआई और पेटीएम आदि का क्यूआर कोड स्कैन कर किराया भुगतान की सुविधा भी दे दी गई है. जिसके बाद यात्रियों को यह सुविधा मिल जायेगी. महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि साधारण व एसी बसों में महीने में परिचालक यदि एक माह में एक लाख रुपये से अधिक किराया क्यूआर कोड के जरिये वसूल करता है तो उसे एक हजार रुपये का प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा. वाल्वो व इलेक्ट्रिक बसों में डेढ़ लाख से अधिक की आय लाने पर यह धनराशि मिलेगी.