पहाड़ की जिंदगी में पग-पग पर खतरे हैं. उस पर जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों ने लोगों की चिंता बढ़ाई हुई है. वहीं जंगल से लगे सुंदरखाल गांव में बाघ की दस्तक से ग्रामीणों में दहशत फैल गई. जंगल छोड़ गांव में आए बाघ के चलते सभी ग्रामीण अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हैं. बाघ गांव में ही घूम रहा है. तेज बारिश के बीच रात के अंधेरे में बाघ ने गोशाला में घुस कर आठ गायों को मार डाला. एक बछिया को वह घसीट भी ले गया. पूरी रात बाघ ग्रामीणों के घरों के पास मंडराता रहा. ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. सभी अपने-अपने घरों में ही बंद हैं. बाघ को पकड़ने के लिए अभी तक वन विभाग की टीम नहीं पहुंची. तंज बारिश के बीच बाघ गायों को अपना निशाना बना रहा है. वन ग्राम सुंदरखाल कार्बेट टाइगर रिजर्व व रामनगर वन प्रभाग से लगा हुआ है. सोमवार व मंगलवार की मध्य रात्रि एक बजे तेज बारिश हो रही थी. इसी बीच बाघ जंगल से गांव में चला आया.
बाघ ने दिलीप राम की गौशाला में घुसकर वहां बंधी चार गाय व चार बछिया को मार डाला. गायों के चिल्लाने की आवाज आती रही, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वो जाकर कुछ करें. ग्रामीणों ने बताया कि बाघ एक दिन पूर्व पूरन राम के घर के समीप भी दिखाई दिया था. ग्रामीणों के शोर करने के बाद बाघ नदी की ओर चला गया था. रात में फिर से बाघ के गौशाला में घुसकर आठ मवेशियों को मार डालने से ग्रामीण भी दहशत में आ गए हैं. मंगलवार सुबह कोसी रेंज की टीम ने निरीक्षण किया. वन कर्मियों को गांव में कई जगह पर बाघ के पंजे के निशान भी मिले हैं. कोसी रेंज के बीट अधिकारी वीरेंद्र पांडे ने बताया कि मौके पर बाघ की गतिविधियां देखने के लिए कैमरे लगाए गए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि तीन दिन में बाघ दस गायों को मार चुका है.