देहरादून में मांडूवाला के लूसेंट इंटरनेशनल स्कूल ने 86 छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है. अब ये 86 छात्र सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा नहीं दे पाएंगे. मामले में सुनवाई करते हुए बाल आयोग ने स्कूल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. लूसेंट इंटरनेशनल स्कूल का यह फर्जीवाड़ा सीबीएसई क्षेत्रीय अधिकारी के एक आदेश से खुला. स्कूल ने जिन 245 छात्रों को पंजीकृत दिखाया था, उनमें से 86 छात्रों का डाटा ही बदल दिया. ये छात्र प्राइवेट कोचिंग संस्थानों के हैं, जो कि न तो स्कूल में कक्षा लेते हैं और न ही यहां के बोनाफाइड हैं. सीबीएसई ने तत्काल इन छात्रों के 2023 की 12वीं बोर्ड परीक्षा में बैठने पर रोक लगा दी. परेशान छात्रों ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग का दरवाजा खटखटाया. आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने बुुधवार को मामले की सुनवाई की.
सुनवाई में स्कूल ने चेयरमैन या प्रिंसिपल के बजाए एक विज्ञान शिक्षक को भेजा, जिसके पास कोई अनुमति नहीं थी. वहीं, सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह और खंड शिक्षा अधिकारी कुंदन सिंह पहुंचे. मामले की गंभीरता को देखते हुए बाल आयोग ने डीजीपी अशोक कुमार को फोन कर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए. पीड़ित छात्रों को ओपन बोर्ड से 12वीं की परीक्षा दिलाने को कहा. वहीं, ऐसे अन्य मामलों की जांच के लिए शिक्षा विभाग को जांच समिति गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. बताया गया कि देहरादून में पिछले पांच साल में कितने नए स्कूल खुले और कितनों की कोचिंग सेंटरों से सांठगांठ है, अब इसकी जांच होगी. बाल आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि एक जांच समिति गठित कर इस सांठगांठ का पर्दाफाश किया जाए. जो भी अवैध तरीके से स्कूल संचालित कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए.