उत्तराखंड में सबसे खूबसूरत इलाकों में से एक लैंसडाउन का नाम बदलने का प्रस्ताव पास किया गया हैं. लैंसडाउन कैंटोनमेंट अथॉरिटी की ओर से यह प्रस्ताव पास किया गया है. प्रस्ताव के तहत लैंसडाउन का नाम बदलकर 1962 के युद्ध के नायक जसवंत सिंह रावत के नाम पर रखे जाने का फैसला लिया गया है. पौढ़ी गढ़वाल जिले में यह बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन बसा हुआ है. अब इस पहाड़ी शहर का नाम बदलकर 1962 के भारत-चीन युद्ध के नायक राइफलमैन जसवंत के नाम पर जसवन्तगढ़ करने का प्रस्ताव पारित किया है. लैंसडाउन छावनी बोर्ड की कार्यालय अधीक्षक बिनीता जखमोला का कहना है कि प्रस्ताव को लखनऊ में सेना की केंद्रीय कमान को भेजा जा रहा है. वहां से इसे रक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा.गढ़वाल राइफल्स से जुड़े राइफलमैन जसवंत सिंह रावत को अरुणाचल प्रदेश (पूर्व में उत्तर-पूर्व फ्रंटियर एजेंसी क्षेत्र का हिस्सा) में लड़ाई के दौरान उनकी वीरता के लिए मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था.
लैंसडाउन का नाम बदलकर उनके नाम पर जसवंतगढ़ रखने का निर्णय तीन दिन पहले पहाड़ी शहर में ब्रिगेडियर विजय मोहन चौधरी की अध्यक्षता में हुई लैंसडाउन छावनी बोर्ड की बैठक में लिया गया. लैंसडाउन भारतीय सेना के गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट के रेजिमेंटल सेंटर के रूप में भी जाना जाता है. बैठक में मौजूद लैंसडाउन छावनी बोर्ड की कार्यालय अधीक्षक बिनीता जखमोला ने कहा कि यह निर्णय छावनी बोर्डों और संबंधित स्थानों के ब्रिटिश काल के नामों को बदलने के रक्षा मंत्रालय के निर्णय के अनुरूप है. बिनीता ने कहा कि इस निर्णय तहत केंद्र ने छावनी बोर्ड से एक नए नाम के लिए सुझाव मांगे थे. इस मुद्दे पर एक बैठक हुई, जिसके दौरान ब्रिगेडियर चौधरी ने राइफलमैन जसवंत सिंह रावत के बाद ‘जसवंतगढ़’ का सुझाव दिया. हम सभी इस पर सहमत हुए, जिसके बाद प्रस्ताव पारित हो गया. लैंसडाउन का नाम बदलने को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है. कैंटोनमेंट अथॉरिटी के एक अन्य अधिकारी का दावा है कि लैंसडाउन के स्थानीय लोग पहाड़ी शहर का नाम बदलने के खिलाफ हैं. वे वर्तमान नाम को ही बनाए रखने के पक्ष में हैं.