उत्तराखंड में पौड़ी जिले के कोटद्वार और दुगड्डा क्षेत्र में मंगलवार रात को हुई अतिवृष्टि ने जमकर कहर बरपाया. कई घरों को नुकसान हुआ है. वहीं, कोटद्वार-पौड़ी नेशनल हाईवे 15 किमी के हिस्से में 12 से अधिक स्थानों पर तबाह हो गया है. जिससे शहर का शेष गढ़वाल से संपर्क कट गया है. जरूरी काम से आने वाले लोगों को चट्टान पर चढ़कर पैदल दूरी नापनी पड़ रही है. उधर, मार्ग पर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं. पूरी रात यात्रियों ने दहशत के बीच वाहनों में ही बैठकर गुजारी. वाहनों के फंसने की सूचना मिलते ही कोटद्वार और दुगड्डा से पुलिस फोर्स पैदल ही सड़क पर फंसे वाहनों तक पहुंची. ज्यादातर यात्रियों को पैदल ही दुगड्डा बाजार और कोटद्वार की ओर लाया गया. एनएच खंड धुमाकोट की ओर से सड़क खोलने के लिए छह जेसीबी लगाई गई हैं अतिवृष्टि से हाईवे का हाल यह है कि सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. आमसौड़ के पास नेगाणा में बरसाती नाले में अचानक उफान आने से एक पिकअप वाहन मलबे के साथ गहरी खाई में जाकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
वाहन चालक ने कूदकर अपनी जान बचाई. पांचवें मील में टूट गदेरा (पागल नाला) में हाईवे पर बना पूरा रपटा बह गया. यहां पर चट्टान और मलबे के ढेर से लोग पैदल आवाजाही कर रहे हैं. सड़क पर हर कदम पर जान जोखिम में है.कोटद्वार और दुगड्डा की ओर कई जगह मलबा आने से करीब छोटे बडे़ 300 से अधिक वाहन फंसे हैं. दुगड्डा चौकी इंचार्ज सूरत शर्मा ने बताया कि वाहनों में फंसे यात्रियों को बिस्कुट और पानी पुलिस टीम ने उपलब्ध कराया है. उन्हें दुगड्डा और कोटद्वार की ओर पैदल पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. बताया कि आमसौड़ व पांचवें मील के बीच मलबे का पहाड़ सड़क पर आ गया है, जिसे पोकलेन मशीन से ही हटाया जा सकेगा. एनएच के अवर अभियंता अरविंद जोशी ने बताया कि 12 में से छह जगहों पर शाम चार बजे तक मलबा हटा दिया गया था. बिजनौर से पोकलेन मशीन मंगाई गई है. पूरी रात सड़क खोलने का प्रयास जारी रहेगा. एएसपी शेखर चंद्र सुयाल ने बताया कि आपदा के कारण अस्त-व्यस्त जनजीवन को पटरी पर लाने के लिए काम किया जा रहा है. नदियों के तट पर रहने वाले लोगों से बारिश के दौरान सुरक्षित स्थानों पर ही रहने को कहा गया है.