देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता हत्याकांड के तीनों आरोपियों को आज पहली कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लेकर पहुंची. इस दौरान विभिन्न संगठन कोर्ट परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए. कई कांग्रेस कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए. वहीं, जैसे ही पुलिस आरोपियों को लेकर पहुंची कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. उन्हें रोका तो कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प शुरू हो गई. जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट से सामने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जबरन गिरफ्तार कर लिया. वहीं इस दौरान कोर्ट में तीनों आरोपियों पर आरोप तय कर दिए गए हैं. वहीं, तीनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार नहीं किया और कोर्ट ट्रायल की प्रार्थना की. जिसके बाद कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 28 मार्च की तिथि नियत की है. साथ ही अंकित और पुलकित की जमनात प्रार्थना पत्र की याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी.
बता दें कि 18 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दी थी. करीब तीन दिनों तक इस मामले की ढिलाई से जांच की गई. इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया. पुलिस ने पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी. पता चला कि पुलकित और अंकिता के बीच झगड़ा हुआ था. ऋषिकेश से लौटते वक्त अंकिता और पुलकित के बीच नहर किनारे फिर से विवाद हुआ और इस बीच पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था. पुलिस ने इस मामले में 22 सितंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ को गिरफ्तार कर लिया था. वनंत्रा रिसोर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट जॉब करने वाली पौड़ी निवासी अंकिता भंडारी से अनैतिक कार्य के लिए दबाव बनाया जा रहा था. इस बीच किसी वीआईपी के भी रिसोर्ट में आने की बात सामने आई थीं. आरोप है कि अंकिता के मना करने पर आरोपियों ने उसे नहर में धक्का देकर मार दिया.