सच कहें तो अब बेटी का माता-पिता होने में डर लगता है, हम बच्चियों को सुरक्षित माहौल तक नहीं दे पा रहे. बच्चियां न घर में सुरक्षित हैं न बाहर. अबोध बच्चियां हैवानियत का शिकार हो रही हैं. वहीँ अब उत्तराखंड में हल्द्वानी से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां 12 साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के बाद उसे जान से मारने के प्रयास की घटना सामने आई है. मामला 8 अगस्त का है जब पुलिस को सूचना मिली कि राजपुरा में गौला नदी से सटे जंगली इलाके में एक बच्ची चोटिल है. पुलिस तुरंत घटना स्थल पर पहुंची. मामला पहली नजर में ही संदिग्ध लग रहा था क्योंकि बच्ची के शरीर में चोट के कई निशान थे और उसका जबड़ा किसी पत्थर से बुरी तरह कुचला गया था. पुलिस बच्ची को तुरंत सुशीला तिवारी अस्पताल लेकर गई, जहां बच्ची अभी भी जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है. डरी-सहमी बच्ची ने पुलिस ने जांच के दौरान पुलिस को उस आदमी का हुलिया बताया जिसने इस घटना को अंजाम दिया था. पुलिस ने इस मामले में एक सात बच्चों के पिता को गिरफ्तार किया है जिसकी खुद की भी 15 से 20 साल की बेटियां हैं.
पूछताछ में आरोपी ने कबूला है कि 8 अगस्त को बच्ची गौला नदी की ओर जा रही थी. उसके हाथ में खाने का सामान था लेकिन वो रास्ता भटक गई. आरोपी ने उसके पिता का दोस्त होने का दावा करते हुए रास्ता दिखाने की बात की. वो उसे घनी झाड़ियों की ओर ले गया, जहां उसने बच्ची को दबोच लिया लेकिन बच्ची चिल्लाने लगी जिसके बाद आरोपी ने बच्ची के सिर पर पत्थर से वार कर दिए और कपड़े से गला घोंट दिया. बच्ची को मरा समझकर घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से फरार हो गया लेकिन बच्ची को थोड़ी देर बाद होश आ गया. बच्ची दर्द में चिल्ला रही थी, जिसकी आवाज वहां बकरी चरा रहे लोगों के कानों में पड़ी. उन्होंने पास जाकर देखा जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने घटना के चार दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है और पूरी घटना की छानबीन कर रही है.