पूर्व CM हरीश रावत ने किया 5 लाख रुपये के इनाम का ऐलान, जानिए-क्या है इसकी वजह
हरदा ने कहा कि मैं अपने आरोप को फिर दोहरा रहा हूं कि भाजपा झूठे लोगों की पार्टी है. मुस्लिम यूनिवर्सिटी के झूठ के गर्भ से वर्तमान धामी सरकार पैदा हुई. हिम्मत है तो मुझ पर मुकदमा करके देखो.
उत्तराखंड के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने एक अखबार की प्रति लाने पर इनाम की राशि को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. इससे पहले ये इनाम की राशि 3 लाख रुपये थी. दरअसल विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी की धूम नाम के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट की गई थी जिसमें एक अखबार की प्रति शेयर कर कांग्रेस पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर आरोप लगाए गए थे. हरीश रावत ने कहा कि चुनाव के दौरान बीजेपी के द्वारा उनके खिलाफ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने दुष्प्रचार किया गया था जबकि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था.
दरअसल, हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हिमाचल में कांग्रेस के लिए नई आशा पैदा हो गई है. मगर उत्तराखंड में आज भी कई लोगों के मन यह सवाल है कि हम जीतते-जीतते क्यों हार गये? हार का एक प्रमुखतम कारण, प्रधानमंत्री जी, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, देश के सभी मूर्धन्य मंत्रीगणों, 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा 3 दिन तक लगातार सघन प्रचार के जरिए एक झूठ को फैलाना भी रहा है. जिसमें राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री भी सम्मिलित हैं कि “कांग्रेस सत्ता में आएगी मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाएगी” और एक जाली व झूठा समाचार पत्र सोशल मीडिया में प्रचारित-प्रसारित किया गया, जिसमें मुझको लेकर यह बयान का शीर्षक बनाया गया और उसको आधार बनाकर सारे राज्य के गांव-गांव और बूथ-बूथ तक इस झूठ को पूरी शक्ति लगाकर पहुंचाया गया.
हरदा ने कहा कि मैं आज भी भाजपा से कह रहा हूं कि एक बयान तो छोड़ दो, हरीश रावत ने किसी के कान पर भी कहा हो या हरीश रावत के कान पर भी किसी ने कहा हो कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाइए तो मैं राज्य के लोगों से माफी मागूंगा और राजनीति भी हमेशा के लिए छोड़ दूंगा. मगर भाजपा न कोई ऐसा अखबार दिखा पाई है, न ऐसा कोई ऐसा व्यक्ति प्रस्तुत कर पाई है जो कहे कि हां हरीश रावत जी आपने मुझसे कहा था कि मैं मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाऊंगा. मैंने पहले ऐसे व्यक्ति को, ऐसे अखबार को सामने लाने के लिए ₹50,000, फिर ₹1,00,000 और फिर ₹3,00,000 का पुरस्कार रखा था.
अब मैं यह पुरस्कार राशि को बढ़ाकर ₹500000 कर रहा हूं और अब भी यदि कोई व्यक्ति, ऐसा कोई प्रकाशित अखबार ले आए जिसमें मेरा यह बयान हो कि मैं मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाऊंगा, तो मैं राज्य के लोगों से माफी मांग कर राजनीति छोड़ दूंगा अन्यथा फिर मेरे पास एक ही विकल्प है कि मैं न्यायिक शरण में जाऊं. मैं पुलिस की शरण में भी गया था. मगर पुलिस जब, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का नाम हो तो फिर अंधी हो जाती है, उनको कुछ दिखाई नहीं देता है और उनसे अपेक्षा भी नहीं करनी चाहिए कि उनको कुछ दिखाई पड़ेगा, वो केस दर्ज करेंगे! तो मैं न्यायिक शरण में जाने के लिए बाध्य होऊंगा. हरदा ने कहा कि मैं अपने आरोप को फिर दोहरा रहा हूं कि भाजपा झूठे लोगों की पार्टी है. मुस्लिम यूनिवर्सिटी के झूठ के गर्भ से वर्तमान धामी सरकार पैदा हुई. हिम्मत है तो मुझ पर मुकदमा करके देखो.