स्वास्थ्य मंत्री जी! देख लीजिए अपनी विधानसभा का हाल..टूटे हाथ पर प्लास्टर की जगह डॉक्टर ने बांध दिया गत्ता
मामला स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के गृह जनपद का है. जहां पौड़ी जिले के पाबौ में एक महिला का हाथ फ्रैक्चर होने पर डॉक्टरों ने गत्ते का कच्चा प्लास्टर लगा दिया.
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है. हर पांच साल में सरकारें बदलती हैं, लेकिन अस्पतालों के हाल नहीं बदलते. कहीं अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं, तो वहीं जिन अस्पतालों में डॉक्टर हैं भी, वहां भी लापरवाही चरम पर है. ताजा मामला स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के गृह जनपद का है. जहां पौड़ी जिले के पाबौ में एक महिला का हाथ फ्रैक्चर होने पर डॉक्टरों ने गत्ते का कच्चा प्लास्टर लगा दिया. वहीं, इस प्लास्टर को जिसने भी देखा वह अस्पताल प्रशासन और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहा है. वहीं, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मंत्री धन सिंह रावत पर सवाल खड़े किए हैं. उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के भले ही लाख दावे कर ले, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों से आये दिन आने वाली बदहाल स्वास्थ्य की खबरें, इन दावों की पोल खोलती रहती है. उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के ही विधानसभा में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहद खराब है. मेडिकल साइंस के इस आधुनिक समय में भी पौड़ी में स्वास्थ्य सुविधाएं आदम जमाने की हैं.
महिला के परिजन इस मामले में कुछ भी कहने से कन्नी काट रहे हैं. फिलहाल महिला का उपचार देहरादून के एक निजी अस्पताल में चल रहा है. मंडल मुख्यालय पौड़ी से सटे पाबौ ब्लाक के सैंजी गांव निवासी विमला देवी पत्नी राकेश सिंह साहू बीते 11 दिसंबर को गांव के पास जंगल में घास काटने गई थी. जहां अचानक उसका पैर फिसल गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गई. जिसे उसकी साथी महिलाओं और परिजनों ने सीएचसी पाबौ में भर्ती कराया. जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद महिला के हाथ में फ्रैक्चर होने की बात कही और जिला अस्पताल पौड़ी रेफर कर दिया. इस दौरान पाबौ अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला के फ्रैक्चर हाथ पर गत्ते का कच्चा प्लास्टर बांध दिया. वहीं, परेशान परिजन महिला को जिला अस्पताल पौड़ी के बजाय देहरादून ले गए. जहां उसका उपचार एक निजी अस्पताल में चल रहा है. वहीं, महिला के फ्रैक्चर हाथ पर गत्ता लगाने की एक फोटो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई. वैसे ही लोगों ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए.