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फर्जी नंबर प्लेट लगाने पर कहीं कट न जाए आपकी गाड़ी का चालान,मंत्रालय ने दिए जाँच के ऑर्डर

मंत्रालय ने राज्य सरकार को कहना है कि वह इस मामले की गहराई से जांच कराएं. अगर कोई सूचीबद्ध एजेंसी इस तरह का अवैध काम कर रही है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर उसे ब्लैकलिस्ट किया जाए.

उत्तराखंड में इन दिनों पुराने गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगाने का काम बंद है. परिवाहन विभाग के लापरवाही के वजह से देहरादून में फर्जी हाई सिक्योरिटी प्लेट बनाने वाले का गिरोह सक्रिय हो गया है.पुराने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए निर्माता या डीलर को जिम्मेदारी दी गई है.सभी के लिए यह भी नियम है कि वे इस नंबर प्लेट का पूरा डाटा सरकार के वाहन पोर्टल पर अपडेट करेंगे. इसके बावजूद बिना किसी अपडेशन नंबर प्लेट बनाकर वाहनों पर लगाई जा रही हैं.फर्जी नंबर प्लेट लगाने वालों का यह गिरोह तीन गुना ज्यादा पैसे लेकर नंबर प्लेट दे रहा है. इस गिरोह के लोग यह भी दावा कर रहे हैं.

किसी भी राज्य में यह प्लेट मान्य होगी.राज्य में फर्जी तरीके से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाकर वाहनों में लगाई जा रही है.केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मामला संज्ञान में आने के बाद राज्य के परिवहन विभाग को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.मंत्रालय के उप सचिव एसके जीवा की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, कुछ नंबर प्लेट बनाने वालीं एजेंसियां अवैध तरीके से प्लेट बनाकर वाहनों में लगा रही हैं.मंत्रालय के मुताबिक, नए वाहनों के लिए वाहन निर्माता या डीलर नंबर प्लेट लगा सकता है.पुराने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए निर्माता या डीलर को जिम्मेदारी दी गई है. सभी के लिए यह भी नियम है कि वे इस नंबर प्लेट का पूरा डाटा सरकार के वाहन पोर्टल पर अपडेट करेंगे.

इसके बावजूद बिना किसी अपडेशन नंबर प्लेट बनाकर वाहनों पर लगाई जा रही हैं.मंत्रालय ने राज्य सरकार को कहना है कि वह इस मामले की गहराई से जांच कराएं. अगर कोई सूचीबद्ध एजेंसी इस तरह का अवैध काम कर रही है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर उसे ब्लैकलिस्ट किया जाए. मंत्रालय ने सभी हितधारकों से अपेक्षा की है कि वे हर नंबर प्लेट का पूरा डाटा वाहन पोर्टल पर जरूर अपडेट कराएं.अब राज्य का परिवहन विभाग इस मामले की जांच करेगा और कार्रवाई करेगा.देहरादून के एक डॉक्टर के पास दिल्ली परिवहन विभाग का मैसेज आया, जिसमें बताया गया कि लाल बत्ती का उल्लंघन करने पर उनका चालान कट गया है.

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इसके कुछ दिन बाद दोबारा मैसेज आया, जिसमें ओवरस्पीड पर चालान कटा.उन्होंने परिवहन विभाग के माध्यम से चेक कराया तो वाहन पोर्टल पर उनके वाहन के नाम ये चालान दर्ज थे. डॉक्टर हैरान रह गए कि देहरादून में उनकी कार होते हुए दिल्ली में चालान कैसे कट सकता है. उन्होंने जांच पड़ताल की तो पता चला कि किसी ने उनके नंबर की फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट दिल्ली में अपने वाहन पर लगवाई हुई है.इसके बाद दो और मामले ऐसे ही सामने आ चुके हैं,जिनमें देहरादून में मौजूद वाहन के दूसरे राज्यों में चालान कट रहे हैं.

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