गर्मियों में आमतौर पर बिजली बिलअधिक आने लगते हैं. क्योंकि गर्मी से निजात पाने के लिए एसी और पंखे का इस्तेमाल शुरू हो जाता है. इसके अलावा गर्मियों में अक्सर लोड शेडिंग बढ़ जाती है. इसकी वजह लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. लेकिन आप सिर्फ एक काम करके महंगी बिजली से लेकर लोड शेडिंग तक से छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए आपको अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाना होगा. आपको बता दें की केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट योजना की सब्सिडी दोगुनी कर दी है. अब एक किलोवाट पर 17 हजार के बजाय 35 हजार रुपये की सब्सिडी मिलेगी. केंद्र के निर्देशों के तहत सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. ऊर्जा मंत्रालय ने अपनी इस योजना के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी घटा दी है. इस योजना के तहत आपके सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली सीधे यूपीसीएल के ग्रिड में जाती है. बिजली करीब 4.25 रुपये प्रति यूनिट यूपीसीएल खरीदता है.
आपका जो घरेलू बिजली बिल आता है, उसमें से इतनी ही बिजली कम कर दी जाती है. अगर घरेलू जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा हो रही है तो उसका भुगतान भी यूपीसीएल करता है. एक किलोवाट के प्रोजेक्ट पर करीब 55 हजार का खर्च आता है. इस पर अभी तक 17,662 रुपये सब्सिडी मिलती थी. इतना ही राज्य अंश होने के चलते अब एक किलोवाट पर 35,324 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. यानी एक किलोवाट पर महज 20 से 22 हजार रुपये का खर्च आएगा. एक किलोवाट से सालभर में करीब 1200-1400 यूनिट बिजली पैदा होती है. प्रतिमाह करीब 100-120 यूनिट. इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको मंत्रालय की वेबसाइट solarrooftop.gov.in पर आवेदन करना होगा. 15 दिन में मंत्रालय इस आवेदन पर निर्णय लेकर इसे यूपीसीएल के पास पहुंचा देगा. इसके बाद आप किसी भी वेंडर से अपना सोलर प्रोजेक्ट लगवा सकते हैं. इसमें कोई बाध्यता नहीं है. प्रोजेक्ट लगने के बाद वेंडर, यूपीसीएल और संबंधित व्यक्ति का हस्ताक्षरयुक्त पत्र मंत्रालय को भेजा जाएगा. इसके बाद मंत्रालय से प्रमाणपत्र जारी हो जाएगा.