उत्तराखंडदेहरादून

उत्‍तराखंड में युवाओं को खोखला कर रहा है नशे का साम्राज्य, इन जिलों में सबसे ज्यादा सक्रिय ड्रग्स माफिया

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में नशीली दवाओं के शीर्ष-10 तस्करों के निशाने पर देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर और हल्द्वानी रहे हैं।

उत्तराखंड के मैदानी जिलों से लेकर पहाड़ तक गहरे तक जड़े जमा ड्रग सिंडिकेट निशाने पर केवल युवा पीढ़ी है. यह जानते हुए भी कि नशा सेहत के लिए न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि यह कॅरियर को भी बर्बाद कर देता है. इसके बाद भी युवा वर्ग नशे के दलदल में फंसता ही जा रहा है. नशे के लिए इस्तेमाल होने वाले तकरीबन सभी पदार्थों की राज्य के मैदानी और पर्वतीय जिलों में बड़ी तस्करी की जा रही है. पुलिस में दर्ज आंकड़े इस चिंता की तस्दीक कर रहे हैं. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में नशीली दवाओं के शीर्ष-10 तस्करों के निशाने पर देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर और हल्द्वानी रहे हैं.

 यहां पकड़े गए तस्कर चरस, गांजा, हीरोइन की तस्करी के आरोपी हैं. इनमें देहरादून का अकीम व युसूफ, ऊधमसिंहनगर का सलीम, डोईवाला का जाकिर, वासीम, इल्ताफ अहमद, इश्तियाक, हल्द्वानी का राजेश कुमार साहू, नैनीताल का मेहबूब व रामनगर का शाहू खान के नाम प्रमुख हैं. जनवरी 2020 से मई 2023 तक तीन साल और कुछ महीनों में 5079 मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें 5,888 आरोपी धरे गए. नशा तस्करों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत 33 मामलों में 89 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई हुई. नौ ऐसे मामले थे, जिनमें 2.68 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को 2025 तक ड्रग्स फ्री बनाने का संकल्प लिया है. लेकिन ड्रग्स माफिया अपने पांव राज्य में जिस तेजी से पसार रहे हैं, उसे देखते हुए मुख्यमंत्री का संकल्प कड़ी चुनौती से गुजरने वाला है. हालांकि, मुख्यमंत्री ने ड्रग्स माफिया के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की बात भी कही है.

यह भी पढ़ें -  डोईवाला बडकोट रेंज में संदिग्ध परिस्थितियों में हाथी की मौत, वन विभाग में मचा हड़कंप
Back to top button