जिला प्रशासन ने देहरादून जिले में चाय बागान और सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त पट पूरी तरह से रोक लगा दी है. अपर जिला अधिकारी डा. शिव कुमार बरनवाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं. उन्होंने देहरादून और विकास नगर के सब रजिस्ट्रार को आदेश दिये हैं कि चाय बागान की विवादित भूमि की खरीद-फरोख्त रोक दी जाए. इस आदेश के बाद देहरादून और विकासनगर की पांच हजार बीघा भूमि की खरीद-फरोख्त पर पाबंदी होगी. आपको बता दें की देहरादून के लाडपुर, रायपुर इलाके की 350 बीघा चाय बागान की जमीन के मामले को उजागर किया था कि यह भूमि सीलिंग की है और कुछ भू-माफिया इस भूमि को खुर्द-बुर्द करने में जुटे हुए हैं. इस मामले में प्रशासन को शिकायत की थी.
इसके बाद जब कार्रवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिये थे कि सीलिंग की जमीन को खरीद-फरोख्त पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाएं. जिला प्रशासन ने इस संबंध में एक समिति का गठन कर जांच शुरू कर दी थी.सरकार में निहित हो जायेंगी ये जमीनें गौरतलब है कि चाय बागान की सीलिंग की जमीन विकासनगर और देहरादून में है. इस जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिये थे कि 10 अक्टूबर 1975 के बाद सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती है. 10 अक्टूबर 1975 के बाद चाय बागान की भूमि की जो खरीद फरोख्त हुई है वह स्वतः ही समाप्त हो जायेगी और जमीनें सरकार में निहित हो जायेंगी. यदि ऐसा हुआ तो जमीन सरकार की होगी. इसके बावजूद भूमाफिया इस जमीन को को खुर्द-बुर्द कर रहे हैं. प्रयासों से सरकारी जमीन को खुर्द-बुर्द होने से बचाया गया है.