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उत्तराखंड: बेजुबानों के साथ क्रूरता की हदें पार..जहर देकर मारे 15 बंदर, मुंह-कान से निकल रहा था खून

उत्तराखंड के मणीमाई मंदिर के पास जंगल में 15 बंदरों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से हड़कंप मच गया.

उत्तराखंड के मणीमाई मंदिर के पास जंगल में 15 बंदरों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से हड़कंप मच गया. ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि इन बंदरों को जहर देकर मारा गया है. क्योंकि बंदरों के नाक और मुंह से खून निकल रहा था. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम और पुलिस मौके पर पहुंची. मणिमाई मंदिर के पास मृत मिले 15 बंदरों को जहर दिया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. माना जा रहा है कि इन बंदरों को जहर कहीं और दिया गया है. इसके बाद किसी वाहन में लादकर बंदरों को यहां डाल दिया गया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद हाईवे के सीसीटीवी फुटेज चेक करना शुरू कर दिया है. इस मामले में रेंजर लच्छीवाला घनानंद उनियाल की तहरीर पर डोईवाला पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था. 

रेंज कार्यालय में शुक्रवार को देहरादून चिड़ियाघर से आए डॉ. प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में पशुचिकित्सकों की टीम ने मृत बंदरों का पोस्टमार्टम किया. चिकित्सकों की सलाह पर विसरा भी सुरक्षित किया गया है, जिसे जांच के लिए बरेली भेजा जाएगा. पोस्टमार्टम में जहरीला पदार्थ खाने से मृत्यु होने की पुष्टि हुई. रेंजर घनानंद उनियाल ने बताया आशंका है कि किसी ने बंदरों को जहर दिया और फिर किसी माध्यम से लच्छीवाला रेंज के जंगल में फेंक दिया. उधर, एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस की टीम गठित की गई है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा. पशु चिकित्सक डॉ. प्रदीप मिश्रा ने बताया कि बंदरों के आंतरिक अंगों को बुरी तरह क्षति पहुंची है. साथ ही सभी बंदरों की मौत एक ही दिन नहीं हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक बंदरों की मौत में एक से दो दिन का अंतराल है, इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि आरोपी बंदरों को कई दिनों तक रोज जहर दे रहा था.

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