उत्तराखंडचम्पावत

पहाड़ों में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के चलते कमलेड़ी गांव की 14 वर्षीय प्रियंका ने रास्ते में तोड़ा दम

कमलेड़ी गांव की 14 वर्षीय छात्रा की डायरिया से मौत हो गई.गंभीर हालत में छात्रा को उप जिला अस्पताल लाया जा रहा था लेकिन इलाज में देरी की वजह से अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी.

पहाड़ों में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का खामियाजा ग्रामीण मरीज अपनी जान देकर चुका रहे हैं. पर्वतीय क्षेत्रों में अस्पताल इतने दूर हैं की मरीज के पहुंचने से पहले ही वह रास्ते में दम तोड़ देता है  ऐसा ही एक मामला  चंपावत जिले की लोहाघाट विकासखंड से सामने आया है जहां कमलेड़ी गांव की 14 वर्षीय छात्रा की डायरिया से मौत हो गई.गंभीर हालत में छात्रा को उप जिला अस्पताल लाया जा रहा था लेकिन इलाज में देरी की वजह से अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी. 

कमलेड़ी गांव निवासी गंगा राम की पुत्री प्रियंका (14) जीआईसी रौंसाल में कक्षा छह की छात्रा थी.गंगा राम चार दिन पूर्व काम के लिए दिल्ली गए थे.सोमवार शाम से प्रियंका को उल्टी-दस्त हो रहे थे लेकिन क्षेत्र में कोई अस्पताल न होने और लोहाघाट का अस्पताल काफी दूर होने के कारण परिजन उसे रात में अस्पताल नहीं ला सके.अकेली मां नीलावती देवी मंगलवार सुबह प्रियंका को गंभीर हालत में उप जिला अस्पताल लाई.लेकिन इलाज देरी से मिलने और अस्पताल देर से पहुंचने की वजह से उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था घटना के बाद चिकित्सकों द्वारा कमलेड़ी गांव में संपर्क कर अन्य बालिकाओं की स्थिति जानी.जिला पंचायत उपाध्यक्ष एलएम कुंवर ने भी गांव में डायरिया का प्रकोप नहीं बताया लेकिन उन्होंने गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की मांग की है.

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