समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बद्रीनाथ धाम पर की गई टिप्पणी पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री धामी ने ट्वीट कर कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र भू बैकुंठ बदरीनाथ धाम पर समाजवादी पार्टी के नेता द्वारा की गई टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है. “महाठगबंधन” के एक सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी के एक नेता द्वारा दिया गया यह बयान कांग्रेस और उसके सहयोगियों की देश व धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है. यह विचार इन दलों के अंदर SIMI और PFI की विचारधारा के वर्चस्व को भी प्रकट करता है. वहीं शुक्रवार को सीएम धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बद्रीनाथ धाम दुनिया भर के लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र है और स्वामी प्रसाद मौर्य (सपा नेता) द्वारा दिया गया बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
हालांकि वह जिस गठबंधन का हिस्सा हैं, उनके लिए ऐसे बयान देना स्वाभाविक है. जो लोग तुष्टिकरण में विश्वास करते हैं लेकिन उनके नाम के आगे स्वामी है. कम से कम उन्हें ऐसा बयान देने से पहले सोचना चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्या ने ट्वीट किया था- आखिर मिर्ची लगी न, अब आस्था याद आ रही है. क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है? इसलिए तो हमने कहा था किसी की आस्था पर चोट न पहुँचे इसलिए 15 अगस्त 1947 के दिन जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे यथास्थिति मानकर किसी भी विवाद से बचा जा सकता है. अन्यथा ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए. 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ बौद्ध मठ था उसके बाद यह बद्रीनाथ धाम हिन्दू तीर्थ स्थल बनाया गया, यही सच है.