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उत्तराखंड: यहां अभिनेता नहीं नेता निभा रहे हैं दशरथ की भूमिका, रंगमंच का है 47 साल पुराना सफर

बंशीधर भगत ने हल्द्वानी के ऊंचापुल में चल रही रामलीला में दशरथ की भूमिका निभाई. आपको बता दें की बंशीधर भगत पिछले 47 वर्षों से रामलीलाओं में अलग-अलग किरदार निभा रहे हैं

नवरात्रि के दौरान देशभर में जगह-जगह रामलीला का दौर जारी है. जगह-जगह रामलीला का मंचन हो रहा है. बदलते वक्त के साथ मंचन के तौर-तरीके जरूर बदले हैं, लेकिन कलाकारों में आज भी अभिनय को लेकर पहले जैसा जुनून नजर आता है. अभिनय को लेकर यही जुनून कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत में भी दिखा, बीती रात भी बंशीधर भगत ने हल्द्वानी के ऊंचापुल में चल रही रामलीला में दशरथ की भूमिका निभाई. आपको बता दें की बंशीधर भगत पिछले 47 वर्षों से रामलीलाओं में अलग-अलग किरदार निभा रहे हैं. रामलीला के मंच पर अयोध्या नरेशमहाराज दशरथ और उनकी प्रिय रानी कैकेयी के बीच संवाद का मंचन हर जगह किया जा रहा है. लेकिन यहां हल्द्वानी के ऊंचापुल में होने वाली रामलीला इन सबसे अलग है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां की रामलीला में दशरथ की भूमिका निभाने वाला शख्स अभिनेता नहीं बल्कि नेता हैंं.

वो भी राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं. रामलीला के मंच पर दशरथ, कैकेयी से सवांद करते हुए कालाढूंगी के विधायक बंशीधर भगत की खूब चर्चा हुई. बंशीधर भगत मानते हैं कि रामलीला की 5 दशक की यात्रा ने उन्हें जनता के दिल में जगह बनाने में काफी मदद की है. भगत अंगद और परशुराम अलावा रामायण के अन्य किरदारों का अभिनय बखूबी निभाते हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता भी उनको इस रूप में देखना चाहती है. राजनीति मुश्किल है और रंगमंच सरल’. राजनीति में टेढ़े मेढ़े इरादे सब चलते हैं लेकिन दशरथ की भूमिका में आकर उनको राजा और प्रजा ही नजर आती है. उन्होंने माना कि जैसा चरित्र वो निभा रहे हैं वैसा ही स्वभाव असल जिंदगी में भी रखना चाहिए. बंशीधर भगत ने कहा कि रामलीला में भागीदारी करना उनका निजी स्वार्थ भी है क्योंकि उनकी चर्चा जनता के बीच में बनी रहती है.

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