उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के माध्यम से प्रदेशभर में एचआईवी एड्स की रोकथाम के लिये कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं. एचआईवी संक्रमितों की पहचान कर उन्हें सरकार की ओर से निःशुल्क दवा व परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है. उत्तराखंड में एचआईवी पॉजिटिविटी रेट 0.48 से कम होकर 0.24 हो गया है जो कि एचआईवी संक्रमण दर में कमी के अच्छे संकेत हैं. राज्य सरकार टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान की तर्ज पर सूबे में एचआईवी एड्स के प्रति जागरूकता कार्यक्रम संचालित कर रही है. जिसके अंतर्गत जनपद से लेकर ब्लॉक स्तर पर जागरूकता रैली एवं गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है. यह बात सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज देहरादून के गांधी पार्क में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आयोजित जागरूकता रैली के शुभारम्भ अवसर पर कही. उन्होंने उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा आयोजित जागरूकता रैली को झंडी दिखा कर रवाना किया.
इस अवसर पर डॉ0 रावत ने कहा कि राज्य में एचआईवी एड्स की रोकथाम के लिये व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है, जिसका नजीता है कि राज्य में एचआईवी पॉजिटिविटी रेट 0.48 से कम होकर 0.24 रह गया है जो राज्य के लिये अच्छे संकेत हैं. विभागीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 5580 एड्स मरीज पंजीकृत हैं, जिनका उपचार 7 एआरटी केन्द्रों पर चल रह है. एचआईवी से ग्रसित व्यक्तियों को राज्य सरकार की ओर से निःशुल्क परामर्श एवं दवाएं उपलब्ध की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि एचआईवी एड्स संक्रमितों की जांच का दायरा बढ़ाया गया है, वर्ष 2015 में जहां 1.5 लाख लोगों की जांच हुई वहीं वर्तमान में 3.5 लाख लोगों की एचआईवी संक्रमण की जांच की गई. प्रदेश में प्रत्येक वर्ष लगभग 900 एचआईवी मरीज पंजीकृत किये जा रहे हैं. डॉ0 रावत ने कहा कि सरकार एचआईवी संक्रमण मुक्त उत्तराखंड को लेकर गंभीर है, इसके लिये टीबी मुक्त उत्तराखंड की तर्ज पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं. इस दौरान रैली गांधी पार्क से होते हुए घण्टाघर, दर्शनलाल चौक होते हुए वापस गांधी पार्क में समाप्त हुई.