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उत्तराखंड में एक गांव ऐसा भी, बरसात के मौसम में भी बूंद-बूंद को तरसी जनता

नैनीताल-हल्द्वानी मुख्य मार्ग पर पड़ने वाला गांव ज्योलीकोट जहा बाईट 15 दिनों से पानी नहीं है. आगे पढ़िए

नैनीताल: उत्तराखंड में मौसम का कहर जोरों शोरों पर है। बीते दिनों से उत्तराखंड के कोने कोने में बरसात से हालात खराब हो रहे हैं। लेकिन नैनीताल शहर से कुछ ही किलोमीटर दूर ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों लोगों के सामने पेयजल का संकट पिछले कई दिनों से विकराल हो गया है। जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत ज्योलीकोट और ग्राम सभा सरियाताल में पिछले करीब 15 से भी ज्यादा दिनों से पीने का पानी नहीं आ रहा है। पानी के लिए परेशान स्थानीय लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पानी की आपूर्ति के लिए मजबूरन लोगों को पास के धारे का ही इस्तेमाल करना पड़ रहा है।

स्थानीय लोगों ने इसे जल संस्थान की लापरवाही बताकर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत से क्षेत्र में जल आपूर्ति की व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग भी की है। ज्योलीकोट ग्राम सभा में पानी की समस्या से लगभग 90-100 परिवार जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है, गर्मियों में पानी कम होने की वजह से पानी नहीं मिलता और बरसात में पानी की लाइन ही टूट जाती है। लोग बरसात के पानी को इकट्ठा कर या फिर धारों से ही पानी भर रहे हैं। बता दे, ज्योलीकोट नैनीताल-हल्द्वानी मुख्य मार्ग में आता है, जिस वजह से पर्यटक इसी रास्ते से नैनीताल की ओर जाते हैं। ऐसे में यह जगह पर्यटन गतिविधियों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन यहां पानी न होना सबसे बड़ी समस्या है।

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