उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. सत्र 5 दिसंबर तक चलेगा. इस सत्र के दौरान सदन से लेकर सड़क तक हंगामा देखने को मिला. वहीं, विपक्ष ने कई मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला बोला. उत्तराखंड विधानसभा सत्र शुरू होते ही सबसे पहले सदन ने दिवंगत पूर्व विधायक केदार सिंह फोनिया को श्रद्धांजि दी गई. वहीं पहले दिन प्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा(महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 समेत 11 विधेयक सदन में पेश किए गए. विधेयक बुधवार को पास होंगे. वहीं, 5440.43 करोड़ का अनुपूरक बजट भी सीएम धामी और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पेश किया. सदन की कार्यवाही के दौरान हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के सवाल को स्थगित किये जाने पर विपक्ष नाराज हो गया. सुमित हृदयेश ने रिंग रोड बनाये जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा का प्रश्न उठाया था. इस पर सत्ता पक्ष ने कहा कि रिंग रोड एनएएचआइ के तहत बन रही है.
वहीं विधायक संजय डोभाल वन प्रभागों में दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूरों का मामला भी सदन में उठाया. कहा कि वर्षों से कम मानदेय पर काम कर रहे इन मजदूरों को नियमित किया जाए. कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत ने राजाजी रिजर्व पार्क में गुज्जरों के पशुओं को चुगान और लोपिंग के परमिट का मामला उठाया. कहा कि हरिद्वार ग्रामीण में काफी संख्या में वन गुज्जर लोग रहते हैं, जिनको पशु चुनाग के परमिट नहीं दिए गए हैं. विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने गढ़वाली कुमाऊंनी जौनसारी बोली को लेकर सरकार से पूछा कि इनके बढ़ावे के लिए क्या तैयारी की जा रही है. भाषा मंत्री सुबोध उनियाल प्रादेशिक बोली को लेकर सदन में जवाब दिया लेकिन विपक्ष के विधायक भाषा मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. प्रसाद योजना पर विधायक संजय डोभाल ने धर्मस्व मंत्री से सवाल पूछा. कहा कि यमुनोत्री धाम में प्रसाद योजना के अंतर्गत कितने धन की व्यवस्था की है? विधायक विक्रम सिंह नेगी ने टिहरी झील में फैली गंदगी को हटाने को लेकर सवाल पूछा था. कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का का मुद्दा उठाया. कहा कि विधायकों के विशेषाधिकार हनन को लेकर सरकार गम्भीर नहीं है.