उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित यूसीसी समिति की प्रमुख रंजना प्रकाश देसाई ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मसौदे के दस्तावेज सौंप दी है. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लंबे समय से हमें इस ड्राफ्ट का इंतजार था. आज हमें ड्राफ्ट मिल गया है. हमने उत्तराखंड की जनता से वादा किया था कि नई सरकार के गठन के बाद हम समान नागरिक संहिता के लिए कानून बनाएंगे. इस ड्राफ्ट का परीक्षण करने के बाद जो भी जरूरी औपचारिकताएं हैं उसे पूरा करेंगे. इसके बाद ड्राफ्ट को विधानसभा में पेश कर विधेयक लाएंगे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता ड्राफ्ट कमेटी द्वारा रिपोर्ट मिलने पर उनका आभार जताया है. साथ ही प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाया है कि सरकार जल्द से जल्द एक मजबूत समान नागरिक संहिता कानून लागू करेगी.
इस रिपोर्ट को तैयार करने में ढाई लाख लोगों के सुझाव लिए गए हैं. ड्राफ्ट में प्रदेश में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने, शादी का रजिस्ट्रेशन ना होने पर सरकारी सुविधाएं न देने, पति-पत्नी दोनों के पास तलाक के सामान अधिकार देने, बहुविवाह पर रोक, लिव इन रिलेशनशिप के पंजीकरण जैसी कई बातों पर लोगों ने अपने सुझाव दिए थे. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ड्राफ्ट तैयार किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, UCC ड्राफ्ट में बहुविवाह से लेकर लिव-इन रिलेशनशिप तक के लिए कानून बनाया गया है. आइये जानते हैं कि ड्राफ्ट में क्या-क्या प्रावधान हो सकते हैं. आगे पढ़िए UCC ड्राफ्ट की महत्वपूर्ण बातें-
UCC ड्राफ्ट में महत्वपूर्ण बातें–
- तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा.
- तलाक के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा.
- तलाक के बाद पुनर्विवाह के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होगा.
- गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा.
- संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा.
- अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा.
- सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी.
- लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा. प्रदेश की जनजातियां इस कानून से बाहर होंगी
- एक पति-पत्नी का नियम सब पर लागू होगा.
- बहुविवाह पूरी तरह से खत्म होगा