उत्तराखंडजरा हट केदेहरादून

क्या सच में हॉन्टेड प्लेस पर बना है देहरादून का ऐतिहासिक गुरुद्वारा नानकसर, जानिए यहाँ के अनसुने रहस्य

श्रद्धालुओं का मानना है कि कई वर्षों पहले इस जगह पर एक आदमी ने महल बनवाया था और उसकी मौत हो गई थी. जिसके बाद उसकी आत्मा यहां भटकती रही.

देवभूमि के रूप में मशहूर उत्तराखंड में प्रेत-आत्माओं की कहानियों का अपना अलग हिस्सा है. यहां के खूबसूरत स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, लेकिन इसी के साथ यहां कुछ ऐसी जगहें भी हैं, जो आज भी रहस्य बनी हुई हैं और किसी को भी रोमांचित कर सकती हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं उत्तराखंड के देहरादून जिले के रायपुर क्षेत्र में स्थित गुरुद्वारा नानकसर सिख समुदाय का एक विशाल और खूबसूरत धार्मिक स्थल है, जिसे सन् 1973 में संत बाबा गुरुदेव सिंह जी ने बनवाया था. आकर्षक कलाकृति से निर्मित और चारों ओर से हरे-भरे पेड़ों के बीच निर्मित इस गुरुद्वारे का शीर्ष एक गुंबदनुमा के आकार का है, जिस पर सोने का पानी चढ़ा हुआ है.

पुराने और जानकार भक्तों का मानना ​​है कि कई साल पहले इस जगह पर एक आदमी ने महल बनवाया था और उसकी मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद उनकी आत्मा इधर-उधर भटकती रही. उसके बाद संत बाबा ईश्वर सिंह ने उसकी आत्मा को मुक्ति दिलाई थी, जिसके बाद उसी भूमि पर इस गुरुद्वारा का निर्माण किया गया. इस गुरुद्वारे की खास बात यह है कि इसमें किसी से कोई चंदा नहीं लिया जाता है. सिख संगत और भक्त स्वयं प्रसाद लाते हैं और यहां वितरित करते हैं. गुरुद्वारा में मुफ्त चिकित्सा सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं.

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