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मौसम बदलने के साथ उत्‍तराखंड में तेजी से फैल रहा आई फ्लू, चपेट में ज्यादातर बच्चे

उत्तराखंड में मौसम में लगातार हो रहे मौसम परिवर्तन के चलते आंखों में संक्रमण बड़ी ही तेजी से में फैल रहा है.

उत्तराखंड  में मौसम में लगातार हो रहे मौसम परिवर्तन के चलते आंखों में संक्रमण बड़ी ही तेजी से में फैल रहा है. आंखों में संक्रमण के समस्या का मरीज बड़ी संख्या में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचकर नेत्र रोग विशेषज्ञों से इलाज करा रहे हैं. कई स्कूलों के बच्चे बीमारी से पीड़ित हैं। जिला अस्पताल में वायरल कंजक्टिवाटिस के रोजाना 30 से 40 लोग पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग भी लगातार मरीजों को आई फ्लू के प्रति जागरूक कर रहा है. वहीं जिले के कई स्कूलों ने आई फ्लू से ग्रसित बच्चों को घर में रहने की सलाह दी है. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ राहुल सिंह ने बताया कि मौसम में लगातार हो रहे परिवर्तन के कारण कंजक्टिवाइटिस (आंखों की बीमारी) के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. इस फ्लू से पीड़ित मरीज की आंखों के आंसू, आंखों में देखने और खांसी या छींकने से भी संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है.

आंखों के इंफेक्शन को आई फ्लू, आंखें आना, पिंक आई और आंखों का गुलाबी होना भी कहते हैं. उन्होंने कहा कि आई फ्लू से ग्रसित मरीज की आंखें लाल होने के साथ ही आंखों से पानी आने लगता है और आंखों में सूजन होने के कारण स्पष्ट दिखाई नहीं देता है. डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि आई फ्लू से बचने के लिए थोड़े-थोड़े समय पर अपने हाथों की सफाई करें. आंखों को बार-बार न छुएं. अपने आसपास सफाई रखें. टीवी-मोबाइल से दूरी बनाएं. पीड़ित मरीज से आई कांटेक्ट बनाने से बचें. आंखों को बार-बार धोएं. आई फ्लू से ग्रसित मरीज के कपड़े, तौलिया या बिस्तर का इस्तेमाल न करें. ऐसा करने से आई फ्लू होने का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि जो लोग आई फ्लू से ग्रसित हो चुके हैं, वो काले चश्मे का प्रयोग करें. डॉक्टर की सलाह लेकर समय-समय पर आई ड्रॉप डालें. ठंडे पानी से आंखों की सफाई करें. किसी भी तरह के साबुन को चेहरे पर न लगाएं.

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