18 सितम्बर को हुए प्रदेश का बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड मामले में एक महीना बीत जाने के बाद भी ऋषिकेश के वनंत्रा रिजॉर्ट में कौन सा वीआईपी आने वाला था, यह बात अब तक राज बनी हुई है. किसी को बचाने की कोशिश हो रही है या फिर वाकई यह वीआईपी कमरे वाली थ्योरी है. इन सब सवालों के जवाब एसआईटी अब तक नहीं खोज पाई है। हालांकि, एसआईटी के अधिकारी अब भी इस दिशा में जांच करने का दावा कर रहे हैं. बता दें की 28 अगस्त को रिजॉर्ट में ज्वाइन किया था. उसने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए पढ़ाई को छोड़ने और नौकरी करने का फैसला किया था। 28 अगस्त को रिजॉर्ट की एक कार उसे लेने आई थी. रिजॉर्ट में उसे एक कमरा मिला था, जहां वह रह सकती थी. उसे 10 हजार रुपए प्रति माह की सैलरी बतौर रिशेप्सनिस्ट ऑफर की गई थी. लेकिन अंकिता को अपनी पहली सैलरी भी नहीं मिल पाई थी, और उससे पहले ही उसकी हत्या हो गई. बता दें कि अंकिता भंडारी का शव 7 दिन बाद ऋषिकेश से शनिवार को बरामद किया गया था. SDRF ने चिल्ला नहर से इस शव को बरामद किया था, और अंकिता के पिता ने उसके शव की शिनाख्त की थी.
इस केस के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य की गिरफ्तारी हो चुकी है, और पुलकित के पिता विनोद आर्य और भाई डॉ अंकित आर्य को बीजेपी पार्टी से निष्कासित कर चुकी है. इसके बाद अंकिता और उसके दोस्त की चैट वायरल हुई. इसमें पता चला कि रिजॉर्ट में 19 सितंबर को किसी वीआईपी को आना था. पुलकित अंकिता पर उसे विशेष सर्विस देने का दबाव बना रहा था. पुलिस ने पुलकित और उसे दो दोस्तों को तो गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन वीआईपी की खोज करने में नाकाम रही. बार-बार सोशल मीडिया पर भी इस वीआईपी का नाम पता करने की मांग उठी, लेकिन पुलिस उसका नंबर तक नहीं खोज पाई. हालांकि, इस दौरान वहां आने वाले और रिजॉर्ट को बुक कराने वालों से पूछताछ की गई, मगर इस वीआईपी का पता नहीं चल सका. इस बीच एक बात सामने आई कि वहां पर वीआईपी सूट हैं. इनमें ठहरने वालों को ही वीआईपी कहा जाता है, लेकिन जिस तरह से इस रिजॉर्ट में राजनीतिज्ञों का आना जाना लगा रहता था, उससे इस बात को बल मिल रहा था, कि यहां वाकई किसी सफेदपोश वीआईपी को आना था. यह वीआईपी कौन है, इस सवाल का जवाब एसआईटी अब भी खोज रही है.