उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में वर्षा का दौर जारी है. बागेश्वर जिले के अन्य भूभागों में भी रुक रुककर वर्षा हो रही है.पिंडर नदी की सहायक शंभू नदी पर झील बनने की सूचना पर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. कुवारी गांव में लगातार हो रहे भूस्खलन से शंभू नदी में झील बनने का सिलसिला तेज हो गया है. जिससे बागेश्वर जिले से अधिक नुकसान चमोली जिले के गांवों को हो सकता है. बीते शुक्रवार की देर शाम शंभू नदी में भूस्खलन के कारण झील बन गई है. झील बनने से नीचे बसे गांवों को खतरा हो गया है. राजस्व उप निरीक्षक संजय कुमार को किलपारा के सरपंच बसंत देव फोन से जानकारी दी.
जिलाधिकारी अनुराधा पाल के निर्देश के बाद सिंचाई विभाग के कर्मचारी मौके के लिए रवाना हो गए हैं. उनके मौके पर पहुंचने के बाद ही झील का मुहाना खोला जाएगा. सिंचाई विभाग के ईई पान सिंह बिष्ट ने बताया कि विभाग के ईई जेई तरुण लुमियाल समेत अन्य कर्मचारी भेजे गए हैं. कुंवारी की ग्राम प्रधान धर्मा देवी के अनुसार फिलहाल इस झील से कोई नुकसान नहीं है. लेकिन याद रखना चाहिए कि आपदा के लिहाज से उत्तराखंड के पहाड़ बेहद संवेदनशील हैं. केदारनाथ की तबाही का मंजर भुलाया नहीं जा सकता तो चमोली की आपदा के निशान भी अब तक हरे हैं. शंभू नदी बागेश्वर से निकलकर चमोली जिले में पिंडर नदी से मिलती है. जहां झील बनी है, वहां से एक किमी आगे चमोली जिला प्रारंभ हो जाता है. अगर यह झील टूटी तो चमोली के अरमल, थराली, नारायणबगड़ क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होंगे.