न्यूज़ डेस्क: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से चलकर ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के पेशावर जा रही जाफ़र एक्सप्रेस को मंगलवार को उग्रवादियों ने निशाना बनाया। पहले रेलवे ट्रैक पर विस्फोट और रॉकेट दागे गए, फिर लगभग 440 यात्रियों को ले जा रही इस ट्रेन पर बलूच उग्रवादियों ने कब्ज़ा कर लिया। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में दो दिन तक चले भीषण टकराव के बाद, 33 उग्रवादियों को मार गिराया गया। लेकिन इस दौरान 21 यात्रियों और 4 सुरक्षा कर्मियों की जान चली गई।
हादसे के दौरान दहशत का माहौल
चश्मदीदों के मुताबिक, ट्रेन पर हमला होते ही यात्रियों में हड़कंप मच गया। उग्रवादियों ने महिलाओं और बच्चों समेत सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया। मौत के साए में कई यात्रियों ने रात गुज़ारी, जबकि कुछ लोग जान बचाने के लिए ट्रेन से कूदने की कोशिश करते देखे गए। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ़ चौधरी ने बताया, “आज सुबह अंतिम ऑपरेशन के दौरान हमने सावधानी बरतते हुए बड़ी संख्या में लोगों को छुड़ाया, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। आख़िरी कार्रवाई में कोई आम नागरिक हताहत नहीं हुआ।”
उग्रवादियों की मांग और खूनी अंजाम
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) नामक उग्रवादी संगठन ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 50 यात्रियों की हत्या कर दी, हालांकि सेना ने इस संख्या की पुष्टि नहीं की है। उग्रवादियों का कहना था कि वे 214 लोगों को बंधक बनाए हुए थे, जिनमें से ज़्यादातर सुरक्षा बलों के जवान थे। उन्होंने पाकिस्तानी सरकार से 48 घंटे के भीतर बलूच राजनीतिक बंदियों, कार्यकर्ताओं और कथित ‘लापता लोगों’ की रिहाई की मांग की थी, अन्यथा बंधकों को मारने की धमकी दी थी।

सेना का बड़ा अभियान
पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को ट्रेन पर धावा बोलते हुए उग्रवादियों को चारों तरफ़ से घेर लिया। कमांडो दस्तों ने मुठभेड़ के बाद सभी 33 हमलावरों को मार गिराया और सैकड़ों यात्रियों को छुड़ा लिया। सेना के अनुसार, यह पूरा ऑपरेशन बेहद जटिल था, क्योंकि उग्रवादियों ने ‘सुसाइड वेस्ट’ पहन रखी थी और यात्रियों के बीच बैठे हुए थे। पाकिस्तानी सरकार के जूनियर गृह मंत्री तलाल चौधरी ने बताया कि हमलावरों की संख्या पहले 70-80 बताई गई थी, लेकिन वास्तविक संख्या 33 निकली।
बलूच विद्रोह की पृष्ठभूमि
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) बलूचिस्तान के सबसे बड़े उग्रवादी संगठनों में से एक है, जो लंबे समय से पाकिस्तानी सरकार से अधिक संसाधन अधिकार और स्वायत्तता की मांग कर रहा है। बलूचिस्तान—जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत होने के बावजूद जनसंख्या में कम और आर्थिक रूप से पिछड़ा है—प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, लेकिन वहां के लोग अक्सर वंचना और उपेक्षा का आरोप लगाते रहे हैं।
1948 में पाकिस्तान में विलय के बाद से बलूचिस्तान में पांच अलग-अलग बार विद्रोह हो चुके हैं।
BLA जैसे उग्रवादी संगठन प्रांत की सम्पदा (कोयला, सोना, तांबा, गैस) का लाभ स्थानीय लोगों तक पहुंचाने की मांग करते हैं, लेकिन इसे लेकर उनकी सरकार से लगातार टकराहट चलती रही है।
आगे की कार्रवाई
इस बड़े हमले के बाद पाकिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर फिर सवाल उठने लगे हैं। सेना ने दावा किया है कि वह बलूच उग्रवादियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज करेगी। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि “आतंकवाद के ख़िलाफ़ जीरो टॉलरेंस की नीति” जारी रहेगी। वहीं, BLA ने भी धमकी दी है कि अगर उनके राजनीतिक बंदियों को रिहा नहीं किया गया, तो वे और हमले कर सकते हैं।
दहशत के साये में यात्री
इस खूनी मुठभेड़ के बाद ट्रेन से बचकर निकले कई यात्री मानसिक आघात से गुजर रहे हैं। कुछ का कहना है कि उन्होंने पहली बार इतनी नज़दीक से हिंसा देखी, जहां हर तरफ़ गोलीबारी, धमाके और दहशत थी। पाकिस्तानी मीडिया ने इसे पिछले कुछ महीनों में हुई सबसे भयावह घटना करार दिया है, जिसने लोगों को स्तब्ध कर दिया है।
(इनपुट: एजेंसी रिपोर्ट, स्थानीय मीडिया)