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कश्मीर में शहीद हुआ रुद्रप्रयाग का लाल, अपने पीछे छोड़ गए रोता-बिलखता परिवार

रुद्रप्रयाग शहर से सटे गांव जवाड़ी निवासी प्रमोद डबराल 30 वर्ष में देश के लिए शहीद हो गए हैं.

उत्तराखंड के लिए आज के दुखद खबर सामने आई है. भारतीय सेना में गढ़वाल रायफल सेकेंड जम्मू कश्मीर में तैनात रुद्रप्रयाग जिले के जवाड़ी भरदार निवासी नायक प्रमोद डबराल शहीद हो गए हैं. उनका पार्थिव शरीर सैन्य जवानों की अगुवाई में आज सुबह जवाड़ी गांव लाया गया. यहां परिवार जनों के साथ ही ग्रामीणों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए. यहां से जवान के शव को अंतिम संस्कार के लिए मंदाकिनी-अलकनंदा नदी के संगम ले जाया गया. शहीद के बड़े भाई नरेश डबराल ने उन्हें मुखाग्नि दी. शहीद अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, दो साल की बच्ची का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं. बता दें कि रुद्रप्रयाग शहर से सटे गांव जवाड़ी निवासी प्रमोद डबराल 30 वर्ष में देश के लिए शहीद हो गए हैं. बीती 12 सितंबर को आर्मी बस की छत पर ड्यूटी करते समय करंट लगने से वे झुलस हो गए थे.

जिसके बाद उन्हें स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया. चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित किया. आर्मी के जवान आज सुबह उनके पार्थिव शरीर को जवाड़ी गांव लाए, जहां पहले से मौजूद सैकड़ों की संख्या में मौजूद ग्रामीण जोर-जोर से रोने लगे. परिजनों और ग्रामीणों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए. छोटी सी उमर में नायक प्रमोद डबराल के शहीद होने से माता शांति देवी, पिता राजेन्द्र डबराल, पत्नी प्रिया सहित बहिन किरण और नीतू का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद की शादी तीन साल पहले ही हुई थी और वह अपने पीछे दो साल की बेटी को छोड़ गया हैं. पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा दिनेश उनियाल ने कहा कि रुद्रप्रयाग शहर से सटे भरदार पट्टी का लाल प्रमोद डबराल ड्यूटी के दौरान देश के लिए शहीद हुआ है. उन्होंने आर्मी में 10 वर्ष दो माह की सेवा दी.

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