जम्मू के पहलगाम में 16 अगस्त को एक बस हादसा हो गया था, जिसमें आईटीबीपी के 7 जवानों की मौत हो गई थी, जबकि कई जवान घायल हो गए थे. इन्हीं घायल जवानों में चंपावत जिले के देवीधुरा के पखोटी गांव के 50 साल के सूबेदार मेजर नंदन सिंह चम्याल भी शामिल थे, इस हादसे में गंभीर रूप से घायल चम्याल का श्रीनगर में इलाज चल रहा था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.बुधवार को उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो परिजन बिलख उठे.शोक में डूबे स्वजनों सहित पूरे गांव में पार्थिव शरीर पहुंचते ही रुदन मच गया.तीन दिनों से अद्र्धबेहोशी की हालत में पहुंचे माता, पिता, पत्नी, बच्चे और स्वजनों की दशा दयनीय है.
पार्थिव शरीर के पहुंचते ही पिता लाल सिंह चम्याल, माता कलावती देवी, पत्नी निर्मला देवी, बेटी, प्रिंयंका, बेटा प्रवीन जैसे ही बलिदानी का चेहरा देखने के लिए लाए तो गांव के सभी लोग रोने लगे.आपको बता दें कि नंदन सिंह की बटालियन अरुणाचल प्रदेश में तैनात थी, लेकिन अमरनाथ गुफा यात्रा में ड्यूटी के लिए वो जम्मू और कश्मीर गए हुए थे! अमरनाथ गुफा यात्रा ड्यूटी में जाने से पहले उन्होंने अपने परिवार से फोन पर जल्द छुट्टी आने का वादा किया था! बुधवार को खीर गंगा नदी तट पर श्मशान घाट में बलिदानी की अंत्येष्टि हुई.इस मौके पर छमनिया चौड़ स्थिति 36वी आइटीबीपी जवानों ने अंतिम सलामी दी.