उत्तराखंड

कॉर्बेट में अवैध निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, 3 माह में ढाँचे हटाने के आदेश

देहरादून:

देश के सबसे संवेदनशील वन्यजीव क्षेत्रों में से एक—जिम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व—में अवैध पेड़ कटाई और अवैध निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (17 नवंबर) को उत्तराखंड सरकार को कड़े और व्यापक निर्देश जारी किए। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट कहा कि राज्य को कॉर्बेट में हुए पर्यावरणीय नुकसान की पूरी भरपाई करनी होगी और यह बहाली वैज्ञानिक तथा पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। अदालत ने निर्देश दिया कि तीन महीने के भीतर टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित सभी अनधिकृत ढांचों को ध्वस्त करना अनिवार्य होगा। इसके लिए मुख्य वन्यजीव वार्डन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) के साथ मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।

यह भी पढ़ें -  213 परिवारों को छोड़ना होगा घर, प्रशासन ने शुरू की कार्रवाई

वैज्ञानिक पारिस्थितिक पुनर्स्थापन हो… CEC करेगी पूरी निगरानी”

पीठ ने कहा कि टाइगर रिज़र्व को हुआ नुकसान केवल कागज़ी कार्रवाई से नहीं सुधारा जा सकता। इसलिए राज्य सरकार को एक पारिस्थितिक पुनर्स्थापन (Ecological Restoration) योजना तैयार करने और उसे लागू करने का निर्देश दिया गया है। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी CEC करेगी, ताकि बहाली कार्य पारदर्शी और प्रभावी रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button