नैनीताल में पर्यटन सीजन शुरू हो चुका है. नैनीताल में 200 से अधिक होटल हैं, जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है. दूसरी ओर, नगर के कुछ इलाकों में लोग पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं. इस कारण होटलों में पानी की सबसे अधिक जरूरत होती है. नैनीझील से रोजाना 16 लाख लीटर पानी कम हो रहा है. इस कारण झील के जलस्तर में इन दिनों रोजाना एक इंच की गिरावट दर्ज हो रही है. यदि यही हाल रहा तो जून या मई के अंत तक झील में डेल्टा नजर आने लगेंगे. इससे एक बार फिर भारी जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
विशेषज्ञों के अनुसार झील के जलस्तर में यह तेजी से गिरावट हो रही है. जिस से साफ पता चलता है की जरूरत से ज्यादा पानी की निकासी हो रही है. नैनीताल शहर के आम लोगों ओर होटलों में नैनीझील के पानी की ही सप्लाई होती है. झील से रोजाना आठ मिलियन लीटर पानी (एमएलडी) लिया जाता है. इससे झील का जलस्तर रोजाना आधा इंच तक कम होता है. झील का रखरखाव करने वाले सिंचाई विभाग के अनुसार बीते दो हफ्तों से अचानक झील का जलस्तर रोजाना एक इंच तक कम हो रहा है, जोकि नैनीताल के लिए बड़ी चिंता का विषय है.इसका मतलब कि झील से रोजाना 16 लाख लीटर पानी निकाला जा रहा है. जरूरत से ज्यादा पानी की निकासी हो रही है. ऐसा ही चला तो जल्द ही 2017 की तरह झील में डेल्टा दिखने लगेंगे. इससे पेयजल संकट की स्थिति रहेगी.
2016 व 2017 में भी हुई थी पानी की कमी
2017 में नैनीझील का जलस्तर गेट लेवल से शून्य के स्तर को छू गया था. इस कारण झील के डेल्टा तक दिखने लगे थे. कम पानी के कारण किनारों पर मछलियां भी मर गई थीं. उस समय झील से पानी निकासी की व्यवस्था को सीमित कर दिया था.
होटलों को सबसे ज्यादा पानी की जरूरत
व्यावसायिक उपयोग के लिए झील से दोगुना पानी निकाला जा रहा है. नैनीताल में 200 से अधिक होटल हैं, जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है. दूसरी ओर, नगर के कुछ इलाकों में लोग पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं. नैनीझील से सामान्य दिनों की तरह केवल आठ एमएलडी पानी की आपूर्ति ही कर रहे हैं. यदि दोगुना पानी निकल रहा है तो इसके कारण पता किए जाने चाहिए. गर्मियों में सैलानियों की संख्या बढ़ने से मांग बढ़ जाती है.