उत्तराखंडदेहरादून

देहरादून में नहीं रुक रही मुनाफाखोरी, आसमान पर पहुंचे सब्जियों के दाम

देश के अन्य हिस्सों की तरह दून में भी टमाटर के बाद अन्य सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. दूसरी तरफ महंगाई की आग में मुनाफाखोरी घी डालने का काम कर रही है.

सब्जियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए अर्थशास्त्री अनुमान लगा रहे हैं कि मई 2023 में 25 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा सीपीआइ इन्फ्लेशन (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की महंगाई दर) फिर यूटर्न ले सकता है. जाहिर है, एक आम व्यक्ति की जेब पर सब्जियों के दाम खासा असर डाल सकते हैं. देश के अन्य हिस्सों की तरह दून में भी टमाटर के बाद अन्य सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. दूसरी तरफ महंगाई की आग में मुनाफाखोरी घी डालने का काम कर रही है. जिला प्रशासन अपनी तरफ से मुनाफाखोरी रोकने के लिए तमाम जतन कर रहा. सब्जियों की फुटकर बिक्री के लिए रोजाना सब्जियों की दरों की सूची जारी की जा रही है

मुनाफाखोरी रोकने के लिए जिलाधिकारी सोनिका के आदेश पर छापेमारी के लिए संयुक्त टीम बनाई गई है, लेकिन इसके बाद भी सब्जियों की फुटकर बिक्री में मुनाफाखोरी थमने का नाम नहीं ले रही. सब्जियों की दरों की जो दैनिक सूची मंडी निरीक्षक के हस्ताक्षर से जारी की जा रही है, उसमें और फुटकर बिक्री में दो से ढाई गुना का अंतर देखने को मिल रहा है. टमाटर में मुनाफाखोरी की प्रवृत्ति में अभी भी कमी नहीं पाई गई, जबकि लौकी, तोरी, भिंडी, करेला, कददू, हरी मटर जैसी सब्जियों को भी निर्धारित दर से कहीं अधिक पर बेचा जा रहा है. सब्जियों के दाम पर नियंत्रण रखने के लिए जिला प्रशासन की संयुक्त टीम निरंतर छापेमारी कर रही है, लेकिन अभी भी किसी सब्जी मंडी में मुनाफाखोरी का मामला टीम नहीं पकड़ पाई है.

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड में आज रात 12 बजे से 72 घंटे के लिए बंद हो जाएंगे इंडो-नेपाल बॉर्डर, जानिए क्या है वजह?
Back to top button