उत्तराखंड

देहरादून के इस इलाके में लगी धारा-183, इन चीजों में रहेगा प्रतिबन्ध

उत्तराखण्ड विधानसभा का वर्ष 2025 का प्रथम / आयव्ययक अधिवेशन दिनांक 18.02.2025 (मंगलवार) से आरम्भ होने जा रहा है। इस दौरान विभिन्न संगठनों तथा समुदायों द्वारा प्रदर्शन, घरना, अनशन एवं अन्य प्रकार की गतिविधियों के कारण शान्ति व्यवस्था प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने की पूर्ण सम्भावना है। अतः विधान सभा परिसर के चारों ओर 300 मीटर की परिधि में शान्ति व्यवस्था कायम रखने हेतु धारा-183 भा०ना०सु०सं० लगाया जाना आवश्यक है।

समयाभाव के दृष्टिगत द्वितीय पक्ष को बिना सुने ही विधि एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु भा०ना०सु०सं० की धारा-163 यो अन्तर्गत तात्कालिक प्रभाव से निग्न आदेश पारित किया जाता है:-

1. उक्त क्षेत्रान्तर्गत कोई भी व्यक्ति अग्नेयास्त्र, लाठी, हॉकी, स्टिक, तलवार अथवा अन्य कोई तेज धार वाला अस्त्र जिसका फल ढाई इंच से अधिक होने, बम और किसी अन्य प्रकार की बारूद वाले अस्त्र जिसका प्रयोग हिंसा के लिए किया जाता हो, लेकर नहीं चलेगा और न ही कोई हिंसा के प्रयोग हेतु ईंट, पत्थर रोड़ा आदि एकत्र करेगा। कोई भी व्यक्ति अपने घर के आँगन के अतिरिक्त पटाखों एवं बारूद से बने किसी भी वस्तु का प्रयोग सड़क पर, गली पर व चौराहे पर नहीं करेगा। शस्त्र अथवा लाठी लेकर चलने का प्रतिबन्ध ड्यूटी पर कार्यरत राजकीय सेवकों व ऐसे विकलांग जिनके लिये लाठी का सहारा आवश्यक है, पर लागू नहीं होगा।

2. उक्त क्षेत्रान्तर्गत किसी भी प्रकार की नारेबाजी, लाउडस्पीकर का प्रयोग सरकारी इमारतों पर नारे लिखना, साम्प्रदायिक भावना भड़काने वाले उत्तेजक भाषण करना, किसी प्रकार के भ्रामक साहित्य के प्रचार-प्रसार आदि को भी प्रतिबन्धित किया जाता है।

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3. उक्त क्षेत्रान्तर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर, चौराहे पर अथया अन्य जगह पाँच या उससे अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं होंगे तथा किसी भी प्रकार के समूह में बसों, ट्रैक्टर, ट्रॉलियों अथवा दोपहिये वाहनों तथा चौपहिया बाहनों के जुलूस की शक्ल में एकत्र होने पर प्रतिबन्ध लगाया जाता है। किसी भी प्रकार के जुलूस / प्रदर्शन सार्वजनिक सभा का आयोजन बिना पूर्व अनुमति के नहीं किया जायेगा।

4. कोई भी व्यक्ति राजकीय सम्पत्ति को किसी प्रकार की प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से क्षति नहीं पहुँचायेगा। उक्त आदेश इस आशय से निर्गत किये जा रहे हैं कि शान्ति व्यवस्था अथवा आपसी सामंजस्य बनाये रखने हेतु कोई भी अवांछनीय तत्व कोई गैर जिम्मेदार हरकत न कर सके तथा जनपद में उक्त क्षेत्रान्तर्गत कानून एवं शान्ति व्यवस्था कायम रह सके। चूँकि उक्त आदेश की तागीली सभी व्यक्तियों / पक्षों पर सम्यक रूप से किया जाना सम्भय नहीं है, अतः जनहित में एकपक्षीय आदेश पारित किये जाते हैं। उक्त आदेश दिनांक 18.02.2025 से विधान राभा सत्र की समाप्ति तक प्रभावी रहेगा, यदि इससे पूर्व इनको अपारत न कर दिया जाये। आदेश का उल्लंघन भा०न्या०सं० की धारा-223 के अधीन दण्डनीय होगा।

आदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार थानाध्यक्षकों के माध्यम से किया जायेगा।

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