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श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर, केदारनाथ रोपवे को मिली मंजूरी..30 मिनट में तय होगा 8 घंटे का पैदल सफर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ धाम के दौरे से पहले राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में केदारनाथ रोपवे को मंजूरी मिल गई है.

PM नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ में रोपवे का रास्ता लगभग साफ हो चुका है. राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में मंजूरी मिल गई है. इस रोपवे के बनने से सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी. प्रमुख सचिव, वन एवं लोनिवि, आरके सुधांशु ने बताया कि राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने केदारनाथ सेंक्चुरी एरिया में रोपवे के निर्माण को स्वीकृति दे दी है. साथ ही केदारनाथ के पैदल ट्रेक व हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को भी बोर्ड ने हरी झंडी दिखा दी है. इन परियोजनाओं का निर्माण केंद्र सरकार की पर्वतमाला परियोजना के तहत किया जाएगा. इस परियोजना में कुल 26 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जाएगी. इन परियोजनाओं का निर्माण केंद्र सरकार की पर्वतमाला परियोजना के तहत किया जाएगा. साथ ही रोपवे की क्षमता प्रति घंटा 5 हजार यात्रियों को ले जाने की होगी.

आपको बता दें की उत्तराखंड सरकार केदारनाथ में दुनिया का सबसे लंबा रोपवे बनाने की योजना बना रही है जो उत्तराखंड के चारधामों में से एक है. केदारनाथ रोपवे द्वारा सोनप्रयाग से केदारनाथ तक की दूरी 13 किलोमीटर होगी. केदारनाथ रोपवे समुद्र तल से 11,500 फीट (3,500 मीटर) की ऊंचाई पर दुनिया के सबसे ऊंचे रोपवे में से एक होगा. केदारनाथ के लिए रोपवे से सोनप्रयाग से केदारनाथ पहुंचने में लगने वाला समय भी कम हो जाएगा. तीर्थयात्री सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम केवल 1 घंटे में रोप-वे से पहुंचेंगे, जबकि पैदल/टट्टू से लगभग 8 से 12 घंटे का समय लगता है. श्रद्धालु केदारनाथ धाम का सफर बहुत ही कम समय में और आसानी से कर सकेंगे. इससे श्रद्धालुओं की संख्या में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

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