अंकिता हत्याकांड के विरोध में 2 अक्टूबर को उत्तराखंड बंद का ऐलान, इंसाफ दिलाने को 40 से ज्यादा संगठनों का समर्थन
सीबीआई जांच और हत्यारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर यूकेडी के 02 अक्तूबर को उत्तराखंड बंद के आह्वान को 40 राजनीतिक और गैरराजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है।
देहरादून: अंकिता भंडारी मर्डर केस को लेकर लोग खासे आक्रोशित है। हर जगह अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलाने के लिए लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। सीबीआई जांच और हत्यारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर यूकेडी के 02 अक्तूबर को उत्तराखंड बंद के आह्वान को 40 राजनीतिक और गैरराजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है। शाम छह संयुक्त रूप से गांधी पार्क से मशाल जुलूस भी निकाला जाएगा। यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने सभी सामाजिक, व्यापारिक संगठनों से बंद को पूर्ण सफल बनाने में सहयोग करने की अपील भी की है।
साथ ही 2 अक्टूबर को उत्तराखंड क्रांति दल ने पूरे उत्तराखंड में काला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। वहीं, देहरादून में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने भी इस उत्तराखंड बंद के आह्वान का समर्थन किया है। यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता सोमेश बुड़ाकोटी ने कहा कि यह बंद उत्तराखंड की बेटी अंकिता को न्यास दिलाने की मुहिम का हिस्सा है। अंकिता केवल एक बेटी भर ही नहीं है। बल्कि यह प्रदेश की लाखों बेटियों की सुरक्षा का विषय है। अंकिता की हत्या में जिस प्रकार सत्ताधारी दल के नेताओं की भूमिका सामने आई है, उससे यह सवाल और भी गंभीर हो गया है।
बंद के जरिए यह जनता का शासन और प्रशासन को संदेश होगा कि अंकिता क हत्यारों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई हो। ऐसा फिर दुबारा न हो इसके लिए सभी के त्याग की जरूरत है। व्यापारियों के लिए बंद का फैसला आर्थिक रूप से कुछ कठिन हो सकता है, लेकिन यह किसी की भी बेटी की जघन्य हत्या से ज्यादा कठिन व दर्दनाक नहीं होगा।