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आखिर क्यों चुनाव नहीं लड़ना चाहते पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर की है.ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि इसके पीछे कारण क्या है. एक तरफ सीएम धामी खुद कह रहे थे कि वो अपनी सीट खटीमा से चुनाव लड़ेंगे. दूसरी तरफ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी हरिद्वार से चुनाव लड़ने को लेकर आश्वस्त हैं. इधर पूर्व मुख्यमत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सीट को लेकर बीजेपी में अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ था. जबकि त्रिवेंद्र सिंह रावत जोर-शोर से चुनाव की तैयारी में लगे थे. इसी बीच पार्टी सूत्रों से मीडिया में यह खबरें आने लगीं कि बीजेपी डोईवाला में प्रत्याशी के रूप में नया चेहरा तलाश रही है. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि संभव हो इसी नाराजगी की वजह से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला ले लिया हो. इसके लिए चिट्ठी लिखकर जेपी नड्डा को भेज दी हो.

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आपको बता दें की त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जेपी नड्डा को पत्र लिखकर कहा कि पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश को युवा नेतृत्वकर्ता मिला है. राज्य में अब नेतृत्व परिवर्तन हुआ है और ऐसी परिस्थिति में मुझे आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. मैं बीजेपी का कार्यकर्ता हूं. इसके अलावा मैंने झारखंड प्रभारी, उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2014 में सह प्रभारी की जिम्मेदारी निभाई. मैंने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत कई चुनाव अभियानों में काम किया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पत्र में आगे लिखा कि पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में फिर से प्रदेश में बीजेपी की सरकार बने, उसके लिए पूरा समय लगाना चाहता हूं. इसलिए आपसे अनुरोध है कि मेरे चुनाव ना लड़ने के अनुरोध को स्वीकार करें ताकि मैं अपना पूरा प्रयास सरकार बनाने के लिए लगा सकूं.

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