केदारनाथ यात्रा के दौरान अब तक 140 घोड़े खच्चरों ने अपनी जान गंवाई, मालिकों की लापरवाही से हो रही मौत
गौरीकुंड-केदारनाथ के 18 किमी पैदल मार्ग पर पशुओं को चारा-दाना नहीं खिला रहे हैं और उन्हें पानी तक नहीं पिलाया जा रहा है. जिससे पशुओं का स्वास्थ्य खराब हो रहा है और उनकी मौत हो रही है.
केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चरों की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है पशुओं की मौत का कारण उनके मालिकों की लापरवाही बताई जा रही है. जो गौरीकुंड-केदारनाथ के 18 किमी पैदल मार्ग पर पशुओं को चारा-दाना नहीं खिला रहे हैं और उन्हें पानी तक नहीं पिलाया जा रहा है. जिससे पशुओं का स्वास्थ्य खराब हो रहा है और उनकी मौत हो रही है. बता दें कि अभीतक करीबन 140 से जयादा घोड़े-खच्चरों की मौत हो चुकी है. जिसका मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंच गया. वहीं इस मामले में संज्ञान लेते हुए अब पशु पालन विभाग द्वारा डाक्टरों की टीम का भी गठन किया गया है. इस पूरे मामले पर खुद पशु पालन मंत्री भी अधिकारियो से फीडबैक ले रहे है.
केदानाथ यात्रा के पैदल मार्ग पर जिला पंचायत द्वारा तकरीबन साढ़े 8 हजार घोड़े-खच्चर रजिस्टर्ड कराये गए है. इसके आलावा तकरीबन 600 के करीब बिना रजिस्ट्रेशन के भी घोड़े-खच्चरों से काम लिया जा रहा है. जिनका संचालन अब बंद करा दिया गया है. मंत्री सौरभ बहुगुणा ने खुद माना है कि केदारनाथ यात्रा के पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के साथ क्रूरता के कई मामले सामने आये थे. जिसके बाद इसका संज्ञान लेकर कई पशु मालिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. ऐसे तकरीबन 91 पशुमालिक है जो घोड़े-खच्चरों से यात्रा में दो-दो फेरी का काम करा रहे थे और उनके साथ क्रूरता भी कर रहे थे. बता दें की 411 घोड़े खच्चरों का यात्रा मार्ग पर संचालन बंद किया गया. उन्होंने बताया कि घोड़े खच्चरों के ममाले में नौ एफआईआर भी दर्ज की गई है. यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चरों के पीने के पानी की चारियों की सफाई व्यवस्था की जा रही है.