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चैत्र नवरात्र 2025: इन बातों का रखें ध्यान

चैत्र नवरात्रि हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होती है और राम नवमी के दिन संपन्न होती है। इसे वासंतिक नवरात्रि भी कहा जाता है क्योंकि यह वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है।

चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में एक विशेष आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व रखने वाला पर्व है। यह पर्व माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना के लिए समर्पित होता है और पूरे नौ दिनों तक चलता है। नवरात्रि का यह पावन अवसर भक्तों के लिए आत्मशुद्धि, उपवास, साधना और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का समय होता है।

चैत्र नवरात्रि का महत्व

चैत्र नवरात्रि हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होती है और राम नवमी के दिन संपन्न होती है। इसे वासंतिक नवरात्रि भी कहा जाता है क्योंकि यह वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी समय ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी और भगवान श्रीराम का जन्म भी इसी दौरान हुआ था।

नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है

शैलपुत्री – शक्ति और भक्ति का प्रतीक
ब्रह्मचारिणी – तपस्या और संयम की देवी
चंद्रघंटा – साहस और वीरता की देवी
कूष्मांडा – सृजन और ऊर्जा की देवी
स्कंदमाता – ज्ञान और मातृत्व की देवी
कात्यायनी – शक्ति और युद्ध की देवी
कालरात्रि – नकारात्मकता का नाश करने वाली
महागौरी – करुणा और शांति की देवी
सिद्धिदात्री – समृद्धि और सिद्धियों की प्रदाता

चैत्र नवरात्रि 2025 का कैलेंडर

इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ 30 मार्च 2025 को होगा और समापन राम नवमी 7 अप्रैल 2025 को होगा। प्रत्येक दिन देवी के एक स्वरूप की पूजा की जाएगी।

महत्वपूर्ण तिथियां

प्रतिपदा 30 मार्च – घटस्थापना कलश स्थापना
अष्टमी 6 अप्रैल – दुर्गाष्टमी कन्या पूजन
नवमी 7 अप्रैल – राम नवमी हवन व्रत समापन

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नवरात्रि के दौरान क्या करें

उपवास रखें शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए उपवास करें फल दूध साबूदाना सिंघाड़ा आटा कुट्टू आटा और सेंधा नमक का सेवन करें
घटस्थापना करें शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना कर देवी की पूजा आरंभ करें
माँ दुर्गा की पूजा करें प्रतिदिन देवी के अलग अलग स्वरूप की विधिवत पूजा करें
रामचरितमानस और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें इससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है
दान करें जरूरतमंदों को अन्न वस्त्र और धन का दान करें
कन्या पूजन करें अष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं का पूजन कर भोजन कराएं

नवरात्रि के दौरान क्या न करें

नकारात्मक विचारों से बचें क्रोध लालच और अहंकार से दूर रहें
मांस और मदिरा का सेवन न करें सात्विक भोजन ग्रहण करें और तामसिक भोजन से बचें
बाल कटवाना और नाखून काटना टालें धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन नौ दिनों में यह कार्य वर्जित माना जाता है
लहसुन प्याज और अधिक मसालेदार भोजन न खाएं सात्विकता बनाए रखने के लिए इनसे बचें
झूठ न बोलें और अपशब्दों का प्रयोग न करें सकारात्मकता बनाए रखें और वाणी में मधुरता लाएं

चैत्र नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं बल्कि आत्मशुद्धि संयम और भक्ति का अवसर भी है। यह हमें देवी शक्ति की आराधना करने और अपने जीवन को सकारात्मकता से भरने का संदेश देता है। इस नवरात्रि माँ दुर्गा की कृपा से सभी भक्तों के जीवन में सुख समृद्धि और शांति का आगमन हो।

आपको और आपके परिवार को चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ

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