कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पांच राज्यों के विधासभा चुनाव की व्यस्तता के बीच रविवार को बाबा केदार की शरण में पहुंच रहे हैं. चुनाव प्रचार चरम पर है, तब राहुल की तीन दिवसीय केदारनाथ धाम की निजी आध्यात्मिक यात्रा के राजनीतिक निहितार्थ भी हैं. राहुल गांधी के इस दौरे को सॉफ्ट हिंदुत्व की कांग्रेस की रणनीति से जोड़ा जा ही रहा है, साथ में चुनावी राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के आक्रामक प्रचार के सामने राहुल की जवाबी राजनीति के रूप में देखा जा रहा है. बाबा केदार से गहरा जुड़ाव रखने वाले मोदी प्रतीकों की राजनीति के महारथी के रूप में कांग्रेस की कठिनाई बढ़ाते रहे हैं.
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनाव में जीत के लिए वे यहां रूद्राभिषेक करेंगे. इस दौरान कोई राजनीतिक आयोजन नहीं होगा. आपको बता दें की इससे पहले 2015 में राहुल गांधी पैदल यात्रा करके केदारनाथ धाम पहुंचे थे. राहुल गांधी केदारनाथ धाम की तीन दिनी यात्रा के क्रम में दिल्ली से हवाई सेवा से रविवार सुबह लगभग 11.45 बजे जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचेंगे. वहां से वह हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम जाएंगे. रविवार और सोमवार की रात्रि केदारनाथ में ही प्रवास करेंगे. राहुल के लिए रविवार को केदारनाथ में गढ़वाल मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस बुक कराया गया है. सात नवंबर को दोपहर लगभग दो बजे केदारनाथ धाम से वापसी का कार्यक्रम है.