चारधाम में 22 तीर्थयात्रियों की मौत के बाद जागा स्वास्थ्य महकमा, यात्रा के लिए जारी की नई गाइडलाइन
स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने विभागीय अधिकारियों और चारधाम से संबंधित जिलों के डीएम, पुलिस कप्तान व सीएमओ के साथ बैठक कर यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की.
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की शुरुआत के साथ ही लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया है वहीं यात्रा के शुरुआती दिनों में ही 22 तीर्थयात्रियों की मौत के बाद सिस्टम कठघरे में है.जाहिर है कि तमाम दावों के बावजूद स्वास्थ्य महकमा यहां उचित सुविधाएं मुहैया नहीं करा पाया है.चारों धाम में उमड़ रहे तीर्थयात्रियों के सैलाब से व्यवस्था ध्वस्त होती नजर आ रही है.प्रधानमंत्री कार्यालय ने रिपोर्ट तलब की तब कहीं स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया.स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने विभागीय अधिकारियों और चारधाम से संबंधित जिलों के डीएम, पुलिस कप्तान व सीएमओ के साथ बैठक कर यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की.इस दौरान कुछ ठोस निर्णय भी लिए गए.वहीं, विभाग ने हेल्थ एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि चारों धाम उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं.इससे तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी होती हैं.शासन ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पर्यटन विभाग के माध्यम से भी हेल्थ एडवाइजरी का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराएं.
स्वास्थ्य सचिव ने आपात स्थिति में मरीजों और पीड़ित तीर्थयात्रियों को तत्काल राहत के लिए एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देेश दिए.तीर्थयात्री को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश पहुंचाने को कहा गया है.सचिव ने जिलाधिकारी चमोली के अनुरोध पर एक फिजीशियन को तत्काल जिला अस्पताल गोपेश्वर में तैनात करने के निर्देश स्वास्थ्य महानिदेशक को दिए.दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को 15-15 दिन के लिए रोस्टर के आधार पर चारधाम यात्रा के लिए डॉक्टरों की तैनाती करने को कहा.स्वास्थ्य सचिव ने महानिदेशालय में तैनात निदेशक डॉ. विनीता शाह को उत्तरकाशी, डॉ. सरोज नैथानी को रुद्रप्रयाग और डॉ. भारती राणा को चमोली जिले का नोडल अधिकारी नामित कर यात्रा व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी के लिए निर्देशित किया है.बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक डा. शैलजा भट्ट और एसडीआरएफ के प्रतिनिधि शामिल रहे.
ये रखें ख्याल
- स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही यात्रा के लिए प्रस्थान करें.
- पूर्व से बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नंबर व दवाएं साथ रखें.
- अति वृद्ध एवं बीमार व्यक्तियों एवं पूर्व में कोविड से ग्रसित व्यक्तियों के लिए यात्रा पर न जाना या कुछ समय के लिए स्थगित करना उचित होगा.
- तीर्थस्थल पर पहुंचने से पूर्व मार्ग में एक दिन का विश्राम करना उचित होगा.
- गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें.
- हृदय रोग, श्वास रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतें.
- सिर दर्द, उल्टी, चक्कर, खांसी, घबराहट, दिल की धड़कन तेज होने, हाथ-पांव व होठ नीले पडऩे, थकान, सांस फूलने पर निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे या 104 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें.
- धूमपान व अन्य मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें.
- त्वचा को तेज धूप से बचाने के लिए सनस्क्रीन एसपीएफ-50 का उपयोग करें.
- यूवी किरणों से आंखों के बचाव के लिए सन ग्लासेस का उपयोग करें.
- यात्रा के दौरान पानी पीते रहें और भूखे पेट ना रहें.
- लंबी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करें.
- ऊंचाई वाले क्षेत्रों में व्यायाम से बचें.
- किसी भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए 104 और एंबुलेंस के लिए 108 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें.