उत्तराखंड

राज्यपाल से सजा माफी प्राप्त कर चुके 175 कैदियों की अभी तक नहीं हुई रिहाई, 26 जनवरी को होने थे रिहा

गणतंत्र दिवस पर सजा माफ होने के बावजूद अभी भी 175 कैदी विभिन्न जेलों में सजा काट रहे हैं. इसका कारण विधानसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता है.

अच्छे चाल- चलन और बीमारी को देखते हुए राज्यपाल से सजा माफी प्राप्त कर चुके 175 कैदियों की इस रिहाई डेढ़ माह बाद भी नहीं हो पाई है. यह देरी बीमार और बुजुर्ग कैदियों पर भारी पड़ रही है. हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकार अच्छे आचरण वाले उम्रदराज कैदियों को रिहा करती है. इसके लिए जिलाधिकारियों की राय के आधार पर गृह विभाग राज्यपाल के पास प्रस्ताव भेजता है. इसी क्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल ( रिटायर्ड) गुरमीत सिंह ने 24 जनवरी को 175 कैदियों की रिहाई के आदेश गृह विभाग को दिए थे. जिन्हें परंपरा के मुताबिक गणतंत्र दिवस के मौके पर रिहा किया जाना था.

पहली बार उत्तराखंड में इतनी बड़ी संख्या में कैदियों को रिहा किया जा रहा था, इसे राजभवन की मानवीय पहल के रूप में भी देखा जा रहा था. लेकिन उक्त रिहाई अब तक नहीं हो पाई है. पहले चुनाव के कारण मामला लटकता रहा, लेकिन अब मतदान समाप्त होने के एक माह बाद और आचार संहिता हटने के बावजूद भी इसपर अमल नहीं हो पाया है. अब तक गृह विभाग जेल प्रशासन के रिहाई के आदेश जारी नहीं कर पाया है. सूत्रों के अनुसार इस लिस्ट में ज्यादातर कैदी अपनी सजा का अधिक समय काट चुके हैं.

यह भी पढ़ें -  बधाई दें: उत्तराखंड  के बेटे प्रखर ने हासिल की बड़ी उपलब्धि, NET JRF में मारी बाज़ी

राजभवन से कैदियों की रिहाई के आदेश चुनाव आचार संहिता के दौरान हुए हैं. इसलिए इस पर अमल के लिए निर्वाचन आयोग से पूछा गया था, जहां से अनुमति नहीं मिली. अब आचार संहिता हट गई है, इस प्रकरण पर प्राथमिकता से विचार किया जा रहा है. – आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव, गृह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button